अपडेटेड 22 August 2025 at 23:45 IST
Vastu Tips: गणेश चतुर्थी की पूजा में इन नियमों का करें पालन, बप्पा जीवन की हर विघ्न बाधा को करेंगे दूर
गणेश चतुर्थी की पूजा में वास्तु के नियमों का पालन करने से सुख-समृद्धि और जीवन की विघ्न बाधाएं दूर होती हैं। जानें वास्तु के नियम।
- धर्म और अध्यात्म
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Ganesh Chaturthi Vastu Tips: गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्त बप्पा की प्रतिमा को घर में स्थापित कर उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। वास्तु शास्त्र में पूजा पाठ से जुड़े नियमों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
भगवान गणेश की चौकी से जुड़े वास्तु टिप्स
गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करने के लिए लकड़ी से बनी चौकी घर लानी चाहिए। गणेश जी की चौकी घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में रखनी चाहिए और इस दिशा में रखी चौकी पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। चौकी के आसपास के स्थान को फूल, केले के पत्ते आदि से सजाना चाहिए।
मुख्य द्वार से जुड़ी वास्तु नियम
गणेश चतुर्थी के दौरान घर के मुख्य द्वार को भी सजाना बेहद शुभ माना जाता है। मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का बंदनवार लगाना चाहिए और स्वास्तिक का चिह्न भी बना सकते हैं। मुख्य द्वार के पास रंगोली बनाना भी शुभ माना जाता है।
लाल, गुलाबी, पीले और हरे रंगों का करें इस्तेमाल
गणेश चतुर्थी के मौके पर घर को सजाते समय रंगों का इस्तेमाल भी बेहद सावधानी से करना चाहिए। लाल, गुलाबी, पीले और हरे रंगों का उपयोग करना चाहिए। इन रंगों का इस्तेमाल करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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गणेश चतुर्थी की पूजा में वास्तु के नियमों का पालन करने से सुख-समृद्धि और जीवन की विघ्न बाधाएं दूर होती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर को सजाने और पूजा करने से घर में सकारात्मकता और समृद्धि आती है।
गणेश स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त (बुधवार) को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भक्त अपने घरों, मंदिरों और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। पंचांग के मुताबिक, भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था। इसलिए गणेश स्थापना के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ माना जाता है।
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गणेश चतुर्थी स्थापना मुहूर्त 2025
दिनांक: 27 अगस्त 2025 (बुधवार)
समय: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक
कुल अवधि: लगभग 2 घंटे 35 मिनट
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि शास्त्रों में स्पष्ट की गई है। भक्त को सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 22 August 2025 at 23:45 IST