अपडेटेड 22 August 2025 at 23:11 IST
'मैं रहूं या ना रहूं, संसार की जरूरत आप हैं', मुस्लिम युवक ने प्रेमानंद महाराज को लिखी भावुक चिट्ठी, जाहिर की किडनी देने की इच्छा
मुस्लिम युवक आरिफ खान चिश्ती ने वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को किडनी डोनेट करने की पेशकश की है। प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनियां फेल हैं।
- भारत
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सत्य विजय सिंह
Premanand Maharaj Kidney Offers: महाराज प्रेमानंद अक्सर अपने अच्छे धार्मिक विचारों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में इटारसी के मुस्लिम युवक आरिफ खान चिश्ती ने वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को किडनी डोनेट करने की पेशकश की है। आरिफ ने पत्र में उल्लेख किया कि वह प्रेमानंद महाराज के आचरण और व्यवहार से काफी प्रभावित हैं और उनकी दोनों किडनियां फेल होने की जानकारी मिलने पर चिंतित हैं।
प्रेमानंद महाराज वृंदावन के प्रसिद्ध संत हैं जो राधा रानी के भक्त हैं। उनके दर्शन और धार्मिक चर्चा करने के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालु आश्रम पहुंचते हैं। प्रेमानंद महाराज ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं और उनकी किडनी फेल है।
आरिफ बोले- ये मेरा व्यक्तिगत निर्णय है, समाज की सोच से...
आरिफ की इस पहल की सराहना हो रही है और यह दिखाता है कि समाज में प्रेम और शांति का संदेश देने वाले लोगों के लिए लोग कितने संवेदनशील हो सकते हैं। आरिफ का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और समाज की सोच उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। आरिफ के परिवार में पिता और तीन भाई हैं और उनकी पत्नी भी उनके किडनी दान को सपोर्ट कर रही है। आरिफ 12वीं तक पढ़े हैं और ऑनलाइन काम करते हैं।
आरिफ खान चिश्ती की इस पहल से यह पता चलता है कि समाज में प्रेम और शांति का संदेश देने वाले लोगों के लिए लोग कितने संवेदनशील हो सकते हैं। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है जो लोगों को आपसी प्रेम और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित कर सकता है।
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चिट्ठी में क्या लिखा था?
आरिफ ने चिट्ठी में लिखा था कि, 'मैं आपके आचरण और व्यवहार को देख कर बहुत ज्यादा प्रसन्न हूं और आपके स्वास्थ को लेकर चिंतित भी। आपकी किडनी को लेकर सोशल मीडिया और अखबार के माध्यम से ज्ञात हुआ। आप महाराज हिंदुस्तान में हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं, मैं आपको अपनी स्वेच्छा से अपनी किडनी डोनेट करना चाहता हूं, आज ऐसे नफरती माहौल में आप जैसे संतो का संसार में रहना अति आवश्यक है, मैं रहूं या न रहूं आप संसार की जरुरत है, मेरे इस छोटे से तुच्छ से उपहार को स्वीकार करने की कृपा करें।
बता दें कि संत प्रेमानंद महाराज लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और नियमित डायलिसिस पर हैं। उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए इससे पहले भी कई लोग उनके प्रति अपनी संवेदना और सहायता की इच्छा जता चुके हैं।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 22 August 2025 at 22:42 IST