अपडेटेड 6 December 2025 at 14:32 IST

Tulsi Ke Niyam: इन मौकों पर नहीं चढ़ाना चाहिए तुलसी के पौधे में जल, घर में आती है दरिद्रता, जानें क्यों?

Basil Plant Mistakes: तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने के भी नियम होते हैं। कुछ खास दिनों या मौकों पर ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं और घर में दरिद्रता आने लगती है। जानें किन मौकों पर तुलसी को जल चढ़ाना नहीं चाहिए और इसके पीछे की धार्मिक मान्यता।

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तुलसी के नियम | Image: Freepik/Ai

Maa Tulsi Ke Niyam In Hindi: तुलसी का पौधा हर हिंदू घर में बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि जहां तुलसी होती है, वहां सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी का वास होता है। रोजाना तुलसी में जल अर्पित करने से मन को शांति मिलती है और घर का वातावरण भी शुद्ध रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ दिनों में तुलसी के पौधे में पानी चढ़ाना अशुभ माना जाता है? ऐसा करने से घर में नकरात्मकता और दरिद्रता आने की बात कही गई है। तो चलिए जानते हैं कि किन मौकों पर तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और इसके पीछे क्या कारण बताया गया है।

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संध्या के समय

संध्या यानी सूर्यास्त के बाद तुलसी पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, संध्या काल देवताओं की बजाय पितरों का समय माना जाता है। इस समय तुलसी पर जल चढ़ाने से शुभ फल की बजाय अशुभ फल मिल सकता है। इसके अलावा रात के समय पौधा आराम करता है, इसलिए उसे पानी देना उचित नहीं माना जाता।

एकादशी के दिन

एकादशी के दिन तुलसी को जल चढ़ाना मना होता है। मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता विश्राम करती हैं। इस दिन केवल तुलसी की पूजा करें, लेकिन जल न दें। ऐसा करने से पुण्य फल मिलता है और व्रत का लाभ बढ़ता है।

रविवार और संक्रांति के दिन

रविवार और संक्रांति दोनों ही दिनों में तुलसी को पानी चढ़ाना वर्जित माना गया है। रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता है और तुलसी को सूर्य के उग्र रूप में जल चढ़ाना दोषपूर्ण माना गया है। संक्रांति के दिन ग्रहों की चाल बदलती है, ऐसे में तुलसी को जल देने से शुभ ऊर्जा में बाधा आने की बात कही गई है।

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अमावस्या के दिन

अमावस्या की रात को तुलसी पर जल चढ़ाना निषेध है। इस दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक माना जाता है। ऐसे में तुलसी में पानी डालना शुभ ऊर्जा को कम कर सकता है।

दशमी तिथि

कुछ परंपराओं में दशमी तिथि पर भी तुलसी को जल अर्पित करने से मना किया गया है। कहा जाता है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु योग-निद्रा में रहते हैं, इसलिए तुलसी पूजा के नियम हल्के हो जाते हैं और जल न चढ़ाने की सलाह दी जाती है।

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तुलसी को जल चढ़ाने का सही समय क्या है?

तुलसी को जल चढ़ाने के लिए शुद्ध मन से तांबे के लोटे में जल लेकर सुबह सूर्योदय के बाद जल अर्पित करें। इसके साथ में कच्चा दूध, रोली, या हल्दी मिलाने से शुभ फल बढ़ता है।

तुलसी की पूजा में क्या जरूर करें?

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  • तुलसी पूजा के दौरान दीपक जलाएं।
  • तुलसी को हाथ से न तोड़ें, केवल सुबह के समय ही पत्ते तोड़ें।
  • तुलसी के पास सफाई रखें।
  • शाम को दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है।

तुलसी माता का सम्मान और सही नियमों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। गलत समय पर जल चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा में कमी और दरिद्रता आने की मान्यता है। इसलिए शास्त्रों में बताए गए नियमों को समझकर ही तुलसी की सेवा करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 6 December 2025 at 14:32 IST