अपडेटेड 12 January 2025 at 08:38 IST
Surya Dev Puja: क्या है भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का सही तरीका? यहां जानिए नियम, तभी मिलेगा मनचाहा फल
Surya Dev Puja: अगर आप सूर्य देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको उन्हें इन नियमों के साथ अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Surya Dev Puja: हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित किया गया है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा किए जाने का विधान है। कहा जाता है कि सूर्य देव की पूजा व व्रत करने से जीवन में सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्य पूजा से पहले सूर्य देवता को अर्घ्य देने की परंपरा है।
कुछ लोग बस यूं ही बिना सही तरीके या नियम के सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर देते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। अगर आप सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको उन्हें सही तरीके व नियमों के साथ अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। तो चलिए हम बताते हैं आपको कि सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही तरीका और नियम क्या हैं।
सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही तरीका और नियम (The right way and rule of offering water to Sun God)
समय का ध्यान
सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे उपयुक्त समय सूर्योदय से पहले है। सूर्य के उगने से पहले सूर्योदय के समय पूजा करें। खासकर संक्रांति, सूर्य सप्तमी, और छठ पूजा जैसे मौकों पर सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व और बढ़ जाता है। इसलिए इन अवसरों के साथ-साथ रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
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पवित्रता का ध्यान
पूजा स्थल को शुद्ध और साफ रखें। स्नान करके ही पूजा के लिए बैठें। अपने कपड़े भी साफ और पवित्र रखें।
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सुप्रभात की शुरुआत
सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए सबसे पहले उन्हें प्रणाम करें और "ओम सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। फिर सूर्य देवता की प्रतिमा या सूर्यास्त/सूर्योदय के समय आसमान की दिशा में खड़े होकर जल अर्पित करें।
अर्घ्य का तरीका
अर्घ्य देने के लिए तांबे या मिट्टी के पात्र में पानी भरें। इस पानी में थोड़ी सा काला तिल, लाल चंदन, फूल और कुमकुम डालें। फिर सूर्य देवता की ओर मुख करके धीरे-धीरे जल अर्पित करें।
ध्यान और मंत्र जाप
अर्घ्य देते समय "ओम सूर्याय नमः" के मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे सूर्य देवता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
प्रसाद
पूजा के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें, फिर ताजे फल और मिठाई का भोग अर्पित करें। इसे अपने परिवार के साथ बांटें।
ध्यान रखें
सूर्य देवता को कभी भी बिना जल अर्पित किए, बिना अर्घ्य दिए पूजा न करें। ध्यान रखें कि पूजा के दौरान कोई बाधा न आए। वरना इससे आपकी पूजा असफल मानी जाएगी।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 12 January 2025 at 08:38 IST