अपडेटेड 30 July 2025 at 20:36 IST

प्रेमानंद महाराज का कौन सा है वो बयान? जिस पर सोशल मीडिया में मचा बवाल

Premanand Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि कि 100 में कोई दो-चार कन्याएं ऐसी होंगी जो अपना पवित्र जीवन रखकर किसी पुरुष को समर्पित होती होंगी। कैसे वह लड़की सच्ची बहू बनेगी जो चार लड़कों से मिल चुकी है, जो चार लड़कियों से मिल चुका हो, क्या वह सच्चा पति बन पाएगा?

Premanand Maharaj
Premanand Maharaj | Image: Premanand Maharaj

प्रेमानंद महाराज के एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग इस बयान को महिला विरोधी बता रहे हैं तो कुछ लोग प्रेमानंद महाराज के बयान से सहमति जता रहे हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन सा बयान है, जिस पर सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ है।

दरअसल, बीते दिनों एकांतिक वार्तालाप में एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि आज कल के समय में बच्चे चाहे अपनी मर्जी से शादी करें या माता-पिता की पसंद से, दोनों ही परिस्थिति में परिणाम अच्छे नहीं आते हैं। ऐसे में कैसे पता लगे कि शादी चलेगी या नहीं।

'चार होटल में भोजन खाने वाले को घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा'

सवाल के जवाब में प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि परिणाम आएंगे कैसे, आजकल बच्चे और बच्चियों के चरित्र पवित्र नहीं हैं, मान लो हमें चार होटल में भोजन खाने की जुबान में आदत पड़ गई है तो घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा। जब चार जब चार पुरुषों से मिलने की आदत पड़ गई है तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी। ऐसे ही जब चार लड़कियों से व्यभिचार करता है तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाएगा, उसे चार से व्यभिचार करना पड़ेगा क्योंकि उसने आदत बना ली है।

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पवित्रता के लिए जान दे दी लेकिन शरीर को छूने नहीं दिया- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि कि 100 में कोई दो-चार कन्याएं ऐसी होंगी जो अपना पवित्र जीवन रखकर किसी पुरुष को समर्पित होती होंगी। कैसे वह लड़की सच्ची बहू बनेगी जो चार लड़कों से मिल चुकी है, जो चार लड़कियों से मिल चुका हो, क्या वह सच्चा पति बन पाएगा? जब मुगलों का आक्रमण हुआ तो पवित्रता के लिए जान दे दी लेकिन शरीर को छूने नहीं दिया। आज वही बच्चे ये सब क्या है?

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बचपने में कोई गलती हुई लेकिन ब्याह होने के बाद उसे सुधर जाओ- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपने पति के लिए प्राण देने की भावना हमारे देश में रही है, चाहे हमारी जान चली जाए लेकिन मेरे पति का बाल बांका ना हो और आज पतियों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। अपनी पत्नी को प्राण माना गया है कहां हमारे देश की यह भाषाएं गईं? जब बच्चे-बच्चियों ही पवित्र नहीं है, अगर किसी तरह से पवित्र मिल जाएं तो भगवान का वरदान समझिए। हम कहते हैं जो बचपने में जो हुआ, जो गलती हो गई लेकिन ब्याह होने के बाद उसे सुधर जाओ। बहुत विचित्र समय है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 30 July 2025 at 20:32 IST