अपडेटेड 7 May 2025 at 08:23 IST
Operation Sindoor: सुहाग का वो निशान जो बना पहलगाम के इंतकाम की पहचान; जानिए सिंदूर का महत्व जिसपर हाथ डाल तबाह हुए आतंकी
Sindoor: क्या आप जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में सिंदूर का क्या महत्व है? आइए यहां जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
- 3 min read

Operation Sindoor: मंगलवार, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में एक आतंकी हमला हुआ था जिसमें लगभग 28 लोगों की जानें गई थीं। इसी आतंकी हमले के जवाब में भारत ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है। जिसमें करीब 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने सिर्फ पुरुषों को अपना शिकार बनाया था, जिसमें शादीशुदा पुरुष भी मारे गए थे। ऐसे में उनकी पत्नियों का सुहाग उजड़ गया था। जिसे देखते हुए ऑपरेशन सिंदूर द्वारा आतंकियों की इस करतूत का जवाब दिया गया है। वहीं, सिंदूर का नाता भारतीय संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है।
हिंदू धर्म में सिंदूर (vermilion) का बेहद खास महत्व है। हिंदू देवी-देवताओं की पूजा में इस्तेमाल करने के साथ-साथ इसका संबंध विवाह से भी जुड़ा हुआ है। सिंदूर को विवाहित महिलाओं के सौभाग्य, सुहाग और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना का भी प्रतीक है।
भारत में महिलाओं की मांग में सिंदूर भरना एक प्राचीन परंपरा है जो माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह से जुड़ी मानी जाती है। सिंदूर को देवी लक्ष्मी और दुर्गा से भी जोड़ा जाता है, जो शक्ति और समृद्धि का प्रतीक हैं। सनातन धर्म में सिंदूर का अत्यधिक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है। यह न केवल एक श्रृंगार का प्रतीक है, बल्कि उसमें गहराई से जुड़ी आध्यात्मिक मान्यताएं भी हैं। आइए जानते हैं कि सिंदूर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है।
Advertisement
सिंदूर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व (Religious and Cultural Significance of Sindoor In Hindi)
- भारतीय संस्कृति में सिंदूर विवाहित स्त्री के लिए सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक है। इसे मांग में भरना यह दर्शाता है कि वह स्त्री विवाहित है और उसका पति जीवित है।
- हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को विशेष रूप से हनुमान जी, गणेश जी और शक्ति स्वरूपा देवियों को सिंदूर चढ़ाया जाता है।
- हनुमान जी को चोला चढ़ाते समय सिंदूर का उपयोग होता है, क्योंकि उन्हें ब्रह्मचारी और शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
- सिंदूर को शक्ति, साहस और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह मंगल ग्रह से जुड़ा होता है, जो ऊर्जा, पराक्रम और जीवन शक्ति का ग्रह है।
- सिंदूर को मांग में लगाने से आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) के पास ऊर्जा संचार होता है। यह स्थान योग और ध्यान में चेतना का केंद्र माना जाता है।
- विवाह के बाद सिंदूर एक महिला की सामाजिक स्थिति को दर्शाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 7 May 2025 at 08:03 IST