अपडेटेड 21 April 2025 at 08:41 IST

Shiv Lingastakam Stotra: सोमवार पूजा में जरूर करें लिंगाष्टक स्तोत्र का पाठ, बनी रहेगी शिव जी की कृपा

Shiv Lingastakam Stotra: शिवजी की पूजा करते समय आपको इस स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए।

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भगवान शिव | Image: Shutterstock

Shiv Lingastakam Stotra: हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस दिन शिव जी की पूजा और व्रत किए जाने का विधान है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सोमवार के दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा करता है उस पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है।

इतना ही नहीं शिवजी भक्तों के थोड़े से प्रयासों से ही प्रसन्न हो जाते हैं जिस कारण उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। वहीं, अगर आप भी शिवजी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको सोमवार के दिन उनकी पूजा करते समय यहां दिए गए लिंगाष्टकम स्तोत्र (Shiv Lingastakam Stotra) का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आइए जानते हैं इसके लिरिक्स के बारे में।

लिङ्गाष्टकम् स्तोत्रम्  (Shiv Lingastakam Stotra)

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं
निर्मलभासितशोभितलिङ्गम्।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥१॥

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं
कामदहं करुणाकरलिङ्गम्।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥२॥

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सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं
बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम्।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥३॥

कनकमहामणिभूषितलिङ्गं
फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम्।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥४॥

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कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं
पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम्।
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥५॥

देवगणार्चितसेवितलिङ्गं
भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम्।
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥६॥

अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं
सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम्।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥७॥

सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं
सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम्।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं
तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम्॥८॥

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

श्री शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् (Shri Shivapanchaksharastotram)

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै न काराय नमः शिवाय॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय
तस्मै म काराय नमः शिवाय॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
तस्मै शि काराय नमः शिवाय॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय
तस्मै व काराय नमः शिवाय॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै य काराय नमः शिवाय॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 21 April 2025 at 08:41 IST