अपडेटेड 17 July 2024 at 18:04 IST
Sawan 2024: समुद्र मंथन में ऐसे काम आया शिवजी के गले में पड़ा सांप, जान लें इसका नाम
यदि आपके मन में भी ये सवाल उठ रहा है कि भगवान शिव ने गले में जो सांप आभूषण की तरह धारण किया है, उसका क्या नाम है और उसके पीछे क्या कथा है? तो पढ़ते हैं आगे…
- धर्म और अध्यात्म
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What is the story of Shiva's snake? सावन के महीने में भक्तजन भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए हर तरीकों को अपनाते हैं। वहीं वे हर नियम धर्म भी करते हैं। वहीं इस महीने में उनसे जुड़ी कई कहानियां और कथाएं पढ़ी जाती हैं और शिव जी का स्मरण भी किया जाता है। ऐसी एक कथा हम लेकर आए हैं जो कि भगवान शिव के गले में पड़े सांप पर है। क्या कभी आपने सोचा है कि भगवान शिव क्यों आभूषण की तरह सांप को धारण करते हैं। अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख इसी विषय पर है।
आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भगवान शिव के गले में पड़े सांप के पीछे क्या कथा है और इस सांप का क्या नाम है। पढ़ते हैं आगे…
शिवजी क्यों धारण करते हैं गले में सांप (Why does Shiva have a snake in his neck?)
बता दें कि शिव जी के गले में जो आपको सांप नजर आता है उसका नाम वासुकी है। ये सांप कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव के अनंत भक्त थे। वहीं उनकी इच्छा थी वह सदैव भगवान शिव के साथ रहें और उनके नजदीक रहें। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान वासुकी को ही रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था। चूंकि पर्वत पर लपेटकर वासुकी को इधर से उधर खींचा गया था इसलिए उनका पूरा शरीर लघुलुहान हो गया। इसके अलावा समुद्र मंथन में भगवान शिव के साथ-साथ वासुकी ने भी विष का कुछ हिस्सा ग्रहण किया। ऐसे में भगवान शिव उनसे काफी प्रसन्न हो गए और उन्हें अपने पास रहने की इच्छा को पूरा कर दिया। तभी से भगवान शिव के गले में वासुकी आभूषण के रूप में विराजमान है और वह अमर भी हो गए।
एक कहानी ये भी है कि वासुकी नाग श्री कृष्ण के जन्म के दौरान भी थे। जब वासुदेव श्री कृष्ण को जेल से निकलकर गोकुल ले जा रहे थे तब यमुना के तूफान से बचाने में नागराज वासुकी की ने ही मदद की और सुरक्षित रूप से यमुना पार करवाई थी।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 17 July 2024 at 18:04 IST