अपडेटेड 25 July 2024 at 17:58 IST
Ramayana Katha: मां सीता ने क्यों किया था राजा दशरथ का पिंडदान? उस वक्त कहां थे श्री राम
Ramayana Katha in Hindi: क्या आप जानते हैं कि मां सीता ने क्यों किया था राजा दशरथ का पिंडदान? अगर नहीं, तो यहां दी गई कथा आपके लिए ही है।
- धर्म और अध्यात्म
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Raja dashrath ka pind daan kisne kiya tha?: रामायण में न जानें ऐसी कितनी कथाएं हैं जो अनसुनी हैं। उन्हीं कथाओं में से एक है माता सीता का अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान करना। जी हां, क्या आप जानते हैं कि भगवान राम ने नहीं बल्कि माता सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था। अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख इसी कथा पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता सीता ने ससुर दशरथ का पिंडदान क्यों और कहां किया था। पढ़ते हैं आगे…
माता सीता ने क्यों किया था अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान ?
बता दें कि एक बार वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करने के लिए गया गए थे। ऐसे में श्री राम लक्ष्मण जी नगर की और जरूरी चीज लेने के लिए चले गए। तब माता सीता गंगा किनारे ही बैठ गई। उधर राजा दशरथ की मौत के बाद शत्रुघ्न और भरत ने अंतिम संस्कार की हर विधि को पूर्ण किया था लेकिन राजा दशरथ अपने बड़े बेटे राम को ज्यादा प्रेम करते थे। ऐसे में राजा दशरथ की बची हुई राख उड़ते उड़ते गया में नदी के पास पहुंच गई। उस वक्त माता-पिता नदी के किनारे बैठी कुछ सोच रही थीं तब माता सीता को राजा दशरथ की छवि का एहसास हुआ और वह तुरंत समझ गईं कि यह उनकी आत्मा राख के जरिए कुछ कहना चाहते हैं।
राजा दशरथ ने मां सीता से अपने पास समय कम होने की बात कही और पिंडदान करने की विनती की। तब माता सीता ने दशरथ की राख को अपने हाथों में लिया और वहां मौजूद गाय, तुलसी, अक्षय वट, ब्राह्मण और फाल्गुनी नदी को अपना साक्षी बनाकर पिंडदान किया। हालांकि जब राम भगवान लौट कर आए तो उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हुआ तो उन्होंने साक्षी बनाएं अक्षय वट, ब्राह्मण, फाल्गुनी नदी, गाय और तुलसी से पूछा। उस दौरान केवल अक्षय वट ने ही माता सीता का साथ दिया और बाकियों ने झूठ बोल दिया। ऐसे में माता सीता ने गुस्से में आकर चारों को श्राप दे दिया और अक्षय वट को वरदान दिया कि तुम्हें हमेशा पूजनीय माना जाएगा। बता दें कि माता सीता ने जहां पर पिंडदान किया था वो जगह बिहार की गया हैं, जिसे मुक्तिधाम के रूप में भी जाना जाता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 25 July 2024 at 17:58 IST