अपडेटेड 11 October 2025 at 17:14 IST
Rama Ekadashi Kab Hai: शिव जी को करना चाहते हैं खुश तो करें रमा एकादशी, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
Rama Ekadashi Kab Hai 2025: हिंदू धर्म में रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। लेकिन इस एकादशी तिथि की सबसे विशेष बात यह है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा भी विधिवत रूप से की जाती है। अब ऐसे में इस साल रमा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा मुहूर्त क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Rama Ekadashi Kab Hai: सनातन धर्म में रमा एकादशी की पूजा का विशेष विधान है। इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से की जाती है। इतना ही नहीं इस दिन विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। पंचांग के हिसाब से कार्तिक महीने में धनतेरस, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो सकती है। इतना ही नहीं, इस एकादशी तिथि की सबसे खास बात यह है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का भी विधान है।
आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि रमा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
रमा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
पंचांग के अनुसार,कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 16 अक्टूबर 2025, गुरुवार को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में कोई भी व्रत उदयातिथि के अनुसार ही रखा जाता है। इसलिए, रमा एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा।
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रमा एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है। इस दिन व्रत रखकर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से अधिकतम फल प्राप्त होता है। 17 अक्टूबर शुक्रवार को पूजा के लिए कुछ शुभ मुहूर्त विस्तार से जान लें।
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- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 52 मिनट से सुबह 05 बजकर 40 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
- अमृत काल- सुबह 11 बजकर 25 मिनट से दोपहर 01 बजकर 06 मिनट तक
रमा एकादशी के दिन भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त क्या है?
आप रमा एकादशी के दिन भगवान शिव की पूजा ब्रह्म मुहूर्त और फिर प्रदोष काल के समय कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि रमा एकादशी के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 11 October 2025 at 17:14 IST