अपडेटेड 27 October 2024 at 12:12 IST
Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी की शाम को जरूर करें इन मंत्रों का जाप, पढ़ें आरती भी...
Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी के दिन यदि आपने व्रत रखा है तो यहां दी गई मंत्र और आरती कर सकते हैं। जानते हैं इसके बारे में...
- धर्म और अध्यात्म
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Rama Ekadashi 2024: एकादशी हर महीने आने वाली जरूरी तिथियों में से एक है। बता दें हर महीने दो एकादशी आती हैं। एक एकादशी शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है तो दूसरी एकादशी कृष्ण पक्ष को मनाई जाती है। वहीं लोग एकादशी व्रत भी रखते हैं। इस बार रमा एकादशी 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसे में यदि आप रमा एकादशी मनाने जा रहे हैं तो आपको मंत्र और आरती के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप रमा एकादशी पर कौन सी आरती और मंत्र पढ़ सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...
रमा एकादशी पर मंत्र
- ॐ विष्णवे नमः।
- ॐ चैतन्याय नमः
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
- ॐ सच्चिदानंदाय नमः
- ॐ नारायणाय नमः।
- ॐ श्री महाविष्णवे नमः
रमा एकादशी पर आरती
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है |
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहे ।। ॐ ।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबली की।। ॐ ।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैशाख माह वाली ।। ॐ ।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 27 October 2024 at 12:12 IST