अपडेटेड 25 November 2025 at 10:09 IST

Ram Mandir Dhwajarohan 2025: राम मंदिर के ध्वज पर बने 3 चिन्ह का क्या है मतलब, जानें इनका धार्मिक महत्व

Ayodhya Ram Mandir Flag: राम मंदिर के ध्वज पर बने ये तीनों चिन्ह सिर्फ चित्र नहीं हैं, बल्कि ये सनातन धर्म की जड़ों, परंपराओं और भगवान राम के जीवन से जुड़ी गहरी आस्था को दर्शाते हैं। यह ध्वज श्रद्धा, शक्ति और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है, जो लाखों भक्तों के लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।

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राम मंदिर ध्वज महत्व | Image: Social Media/Republic

Ayodhya Ram Mandir Flag Significance: अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण होने जा रहा है। इस अवसर पर केसरिया रंग का खास ध्वज फहराया जाएगा, जो अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के कारण बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह ध्वज केवल सजावट नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और इतिहास का प्रतीक है। इस ध्वज पर तीन चिन्ह बने हुए हैं, जिनका मतलब भी बेहद खास और गहरा है। तो चलिए जानते हैं कि इस ध्वज पर बने तीन प्रमुख चिन्हों का धार्मिक अर्थ क्या है।

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कैसा है राम मंदिर का ध्वज?

राम मंदिर पर फहराया जाने वाला ध्वज केसरिया रंग का है, जिसकी लंबाई 22 फुट और चौड़ाई 11 फुट है। खास बात यह है कि केवल मुख्य मंदिर ही नहीं, बल्कि राम मंदिर परिसर के परकोटे में स्थित छह मंदिरों पर भी ऐसे ही ध्वज लगाए जाएंगे। ये सभी ध्वज गुजरात के अहमदाबाद में तैयार किए गए हैं।

धर्मध्वज पर 3 चिन्ह का मतलब क्या है?

  • ध्वज पर बना ‘ॐ’ का चिन्ह

ध्वज पर सबसे प्रमुख चिन्ह ‘ॐ’ है। सनातन धर्म में ॐ को अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ॐ के उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मन को शांति मिलती है। धार्मिक मंत्रों की शुरुआत भी अक्सर ॐ से की जाती है। इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त स्वरूप माना जाता है, यानी यह पूरे ब्रह्मांड की शक्ति का प्रतीक है।

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  • सूर्य का चिन्ह

ध्वज पर सूर्यदेव का चित्र भी अंकित है। भगवान राम सूर्यवंशी थे, यानी उनका वंश सूर्यदेव से जुड़ा माना जाता है। पुराणों के अनुसार, भगवान राम के जन्म के समय सूर्यदेव का रथ ठहर गया था और एक महीने तक रात नहीं हुई थी। यह भी माना जाता है कि रावण पर विजय के लिए भगवान राम ने महर्षि अगस्त्य के कहने पर सूर्यदेव की विशेष पूजा की थी। इसलिए सूर्य का चिन्ह शक्ति, तेज और वंश परंपरा का प्रतीक है।

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  • कोविदार वृक्ष का चिन्ह

कोविदार वृक्ष का भी रामायण और पौराणिक ग्रंथों में विशेष महत्व है। इसे अयोध्या का पवित्र वृक्ष माना जाता है। कथा के अनुसार, जब भगवान राम वनवास जा रहे थे और भरत उन्हें मनाने सेना के साथ पहुंचे, तो भगवान राम ने सेना के ध्वज पर बना कोविदार वृक्ष देखकर पहचान लिया कि यह अयोध्या की ही सेना है। तभी से यह चिन्ह अयोध्या की पहचान और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है।

राम मंदिर का ध्वज श्रद्धा, शक्ति और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है, जो लाखों भक्तों के लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस ध्वज पर बने ये तीनों चिन्ह सिर्फ चित्र नहीं हैं, बल्कि ये सनातन धर्म की जड़ों, परंपराओं और भगवान राम के जीवन से जुड़ी गहरी आस्था को दर्शाते हैं।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 25 November 2025 at 10:09 IST