Published 09:44 IST, September 10th 2024
Radha Ashtami 2024: बांके बिहारी मंदिर में घंटी क्यों नहीं है? जानें वजह...
What is the myth of Banke Bihari Mandir? बांके बिहारी मंदिर में घंटी क्यों नहीं बजाई जाती है? इस लेख के माध्यम से जानें कथा...
What is special about Banke Bihari temple? राधा अष्टमी इस साल 11 सितंबर को मनाई जा रही है। यह दिन वृंदावन में किसी त्योहार से कम नहीं होता। वहीं जब लोग मथुरा वृंदावन जाते हैं तो उनके जहन में सबसे पहला नाम बांके बिहारी मंदिर का आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांके बिहारी मंदिर से जुड़े कई ऐसे राज हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा। उन्हीं में से एक है कि इस मंदिर में कभी भी घंटा या घंटी नहीं बजाई जाती है। जी हां, सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा पर यह सत्य है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि बांके बिहारी मंदिर में घंटा या घंटी क्यों नहीं बजाई जाती है। पढ़ते हैं आगे…
बांके बिहारी मंदिर में घंटी क्यों नहीं बजाई जाती है?
बांके बिहारी मंदिर का निर्माण हरिदास जी द्वारा 1864 में हुआ था। वहीं इस मंदिर में श्री कृष्ण की बाल प्रतिमा विराजित है। कहते हैं कि हरिदास जी निधिवन में बैठकर साधना करते थे और इस साधना से उन्होंने बांके बिहारी को भी बुलाया था। चूंकि बांके बिहारी का बाल रूप हरिदास जी को बेहद पसंद था। ऐसे में वह किसी भी प्रकार की घंटी या ताली नहीं बजाते थे, जिससे बांके बिहारी को परेशानी ना हो।
बता दें कि बांके बिहारी मंदिर में घंटा नहीं है। इसके पीछे रहस्य भी कान्हा के जन्म से ही है। मान्यता है कि बांके बिहारी लाल को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। इस कारण मंदिर में ना तो घंटी है ना ही घंटा-घड़ियाल लगवाए गए हैं। ये मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। ऐसे में इस मंदिर में मौजूद बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसे में यदि वह बार-बार घंटा बजाएंगे तो इससे ठाकुर जी की नींद खराब हो सकती है। यही कारण है कि आज तक इस मंदिर में घंटा या घंटे नहीं लगा पाएंगे।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 09:44 IST, September 10th 2024