Published 08:50 IST, September 10th 2024
Banke Bihari Temple: बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती है? राधाष्टमी पर पढ़ें कथा...
What is the significance of mangla aarti? बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती है, जानते हैं इसके पीछे की कथा के बारे में...
What is mangalarathi? जब भी वृंदावन के प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों की बात आती है तो बांके बिहारी मंदिर का नाम सबसे पहले आता है। मान्यता है कि यहां पर श्री राधा कृष्ण की युगल प्रतिमा स्थापित है। वहीं ऐसा कहते हैं कि जो अपने जीवनकाल में केवल एक बार बांके बिहारी के दर्शन कर लेता है उनका साथ कन्हैया जीवन भर नहीं छोड़ते हैं। हम आज बात कर रहे है बांके बिहारी की मंगला आरती की। बता दें कि यहां की मंगला आरती से जुड़े कुछ रहस्य भी है, जिसके बारे में शायद ही आपकोपता होगा। वहीं एक रहस्य ये भी है कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती नहीं होती है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती है। पढ़ते हैं आगे…
बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती है?
पुरानी कथा के मुताबिक, श्री कृष्ण के जन्म के वक्त सब उनकी छवि को देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे थे और उनकी तरफ आकर्षित हो रहे थे। ऐसे में लोग सुबह उठते ही सबसे पहले नंद बाबा के घर पहुंच जाते और श्री कृष्ण को निहारते रहते। ये वो समय था जब भगवान की आरती होती थी। ऐसे में गांव वाले आरती को छोड़कर श्री कृष्ण को निहारने लग जाते थे। गांव वाले ये भी सोचते थे कि अगर वो मंदिर की घंटी बजाएंगे तो शायद कन्हैया की नींद खुल जाएगी। यही कारण था कि वो लोग सुबह मंदिर में जाकर आरती नहीं करते थे। जब हरिदास जी ने बांके बिहारी जी की स्थापना की थी तो उन्होंने बृजवासियों के इस भाव का सम्मान किया और बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती न होने के परंपरा चलाई। तभी से मंगला आरती बांके बिहारी मंदिर में नहीं होती है।
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Updated 08:50 IST, September 10th 2024