अपडेटेड 21 December 2025 at 15:49 IST

Pradosh Vrat 2026 Kab Hai: नए साल में कब रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Pradosh Vrat 2026 Kab Hai: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में नए साल में पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Pradosh Vrat 2026 Kab Hai
Pradosh Vrat 2026 Kab Hai | Image: Freepik

Pradosh Vrat 2026 Kab Hai: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी जातक के वैवाहिक जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो इस दिन पूजा-पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। 

अब ऐसे में नए साल का पहला प्रदोष बेहद सौभाग्यशाली माना जा रहा है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि साल 2026 में प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है?

कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? 

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। साल 2026 का पहला प्रदोष व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ेगा। वहीं गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का मुहूर्त 

प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आगमन से पहले का समय होता है। इसी समय भगवान शिव की पूजा सबसे फलदायी मानी जाती है।

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  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ -  31 दिसंबर को रात 11 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन 1 जनवरी को रात 09 बजकर 30 मिनट पर होगा। 
  • पूजा के लिए शुभ समय -  आप निशिता काल में शाम को 05 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट के बीच पूजा कर सकते हैं।

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प्रदोष व्रत के दिन पूजा का महत्व 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है और शत्रुओं पर विजयी प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो इस दिन पूजा-पाठ करने से चंद्रमा के अशुभ प्रभाव कम हो सकते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 21 December 2025 at 15:49 IST