अपडेटेड May 10th 2025, 14:31 IST
Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बेहद खास महत्व होता है। पितृ पक्ष मुख्य रूप से पितरों को समर्पित होता है। पितृ पक्ष लगातार 15 दिनों तक चलता है। इस दौरान पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ पिंडदान किया जाता है। वहीं कई लोग इस साल पड़ने वाले पितृ पक्ष की तारीख को लेकर काफी कंफ्यूज्ड हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस साल किस तारीख से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है।
इस साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर शुरू जिसका समापन 07 सितंबर को ही रात 11 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में रविवार, 07 सितंबर 2025 से पितृ पक्ष की शुरुआत होगी। वहीं पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या यानी 21 सितंबर 2025 को होगा। इस बीच 15 दिनों के दौरान आप अपने पूर्वजों का पिंडदान कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान किन कामों को करने की मनाही होती है और कौन से काम करने चाहिए।
ब्राह्मण या योग्य पंडित की सहायता से अपने पितरों के लिए विधिपूर्वक श्राद्ध करना चाहिए।
विशेष रूप से ब्राह्मणों को खीर, पूड़ी, सब्जी आदि भोजन करवाना पुण्यदायी माना जाता है।
अन्न, वस्त्र, छाता, तिल, घी, गौदान (प्रतीकात्मक) आदि दान करने से पितरों को संतोष मिलता है।
कथा, हवन, जप, ध्यान, भगवत गीता का पाठ, और पवित्र नदी में स्नान आदि पुण्य कार्य करें।
पूर्वजों के नाम से दीप जलाना, घर में उनकी तस्वीरों के सामने मौन ध्यान करना शुभ होता है।
पितृ पक्ष के दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
इस अवधि में मांस, मछली, अंडा और शराब आदि का सेवन वर्जित माना गया है।
कुछ परंपराओं में इस दौरान बाल कटवाना और नाखून काटना अशुभ माना जाता है।
क्रोध, झगड़ा, अपशब्द और किसी को अपमानित करना – ये सब पितरों को कष्ट दे सकते हैं।
ज़्यादा सज-धज, पार्टी, घूमना-फिरना या मनोरंजन के कार्यक्रम इस समय टालें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
पब्लिश्ड May 10th 2025, 14:31 IST