अपडेटेड 30 December 2025 at 12:04 IST
Paush Putrada Ekadashi 2025 Vrat Katha: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, पुत्र प्राप्ति का मिलेगा आशीर्वाद
Paush Putrada Ekadashi 2025 Vrat Katha: हिंदू पंचांग के हिसाब से पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिति के दिन पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। अब ऐसे में जो महिलाएं व्रत कर रही हैं, वह व्रत कथा जरूर पढ़ें। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Paush Putrada Ekadashi 2025 Vrat Katha: सनातन धर्म में पौष महीने को बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। यह व्रत संतान सुख और उसकी लंबी आयु के साथ-साथ परिवार की सुख-शांति के लिए रखी जाती है। इसी तिथि पर पड़ने वाली एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से जाना जाता है।
शास्त्रों में इस व्रत का महत्व बताने के साथ यह भी बताया गया है कि, यदि इस दिन व्रत कथा का पाठ नहीं किया जाए, तो एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता और पूजा भी अधूरी मानी जाती है। इसलिए व्रत कथा पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
आइए इस लेख में पौष पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत कथा पढ़ने के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी के दिन जरूर पढ़ें व्रत कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन समय में भद्रावती नदी के किनारे राजा संकेतमान राज करता था। राजा के पास खूब पैसे, धन-दौलत थी, लेकिन उसे कोई संतान नहीं थी। इसी कारण राजा और उसकी पत्नी शैव्या हमेशा दुखी रहा करते थे। राजा को यह चिंता हमेशा सताती रहती थी कि मृत्यु के बाद राजपाट कौन देखेगा? पूर्वजों का उद्धार कौन करेगा? संतान न होने से न तो राज्य को उत्तराधिकारी मिल पाएगा और न ही पितरों की मोक्ष की प्राप्ति हो पाएगी।
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राजा संकेतमान दुखी मन से अपना सभी राजपाट त्याग कर वन की ओर चले गए। तभी जंगल में उनकी मुलाकात कुछ ऋषियों से हुई और उन्होंने ऋषि-मुनि से अपने दुखों का कारण भी पूछा। राजा की बात सुनकर ऋषियों ने उन्हें पौष महीने के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने को कहा।
इसके बाद राजा दोबारा अपने राज्य लौट गया। राजा ने ऋषियों के कहने के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत विधि-विधान से रखा और पूजा-अर्चना भी की। व्रत के प्रभाव से रानी गर्भवती हुई और राजा को पुत्र की प्राप्ति हुई। इसके बाद से ही पुत्रदा एकादशी व्रत रखने की मान्यता आरंभ हुई। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो जातक व्रत रखता है, उसे संतान संबंधित परेशानियां दूर हो जाती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति होती है।
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Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 30 December 2025 at 12:04 IST