अपडेटेड 30 December 2025 at 10:34 IST

Paush Putrada Ekadashi 2025: आज पौष पुत्रदा एकादशी के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, बनी रहेगी श्रीहरि की कृपा

Paush Putrada Ekadashi 2025:हिंदू धर्म में पौष पुत्रदा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि की पूजा-अर्चना करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। अब ऐसे में इस दिस एक ऐसा स्तोत्र है, जिसका पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से श्रीहरि के स्तोत्र का पाठ करने के बारे में जानते हैं।

 Paush Putrada Ekadashi 2025
Paush Putrada Ekadashi 2025 | Image: Freepik

Paush Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। वहीं यह साल 2025 की अंतिम एकादशी है। इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस दिन विधिवत रूप से दान-पुण्य करता है और पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है और श्रीहरि की कृपा प्राप्ति होती है। 

इतना ही नहीं अगर आपको किसी भी तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है तो आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर आप संतान प्राप्ति का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इस दिन संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना लाभदायी माना जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन करें संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ

श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् ।
सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥
नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् ।
यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥
अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् ।
नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥
गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् ।
पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥
पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् ।
देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥
पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन ।
देहि में तनयं श्रीश वासुदेव जगत्पते ॥
यशोदांकगतं बालं गोविन्दं मुनिवन्दितम् ।
अस्माकं पुत्रलाभाय नमामि श्रीशमच्युतम् ॥
श्रीपते देवदेवेश दीनार्तिहरणाच्युत ।
गोविन्द मे सुतं देहि नमामि त्वां जनार्दन ॥
भक्तकामद गोविन्द भक्तं रक्ष शुभप्रद ।
देहि मे तनयं कृष्ण रुक्मिणीवल्लभ प्रभो ॥
रुक्मिणीनाथ सर्वेश देहि मे तनयं सदा ।
भक्तमन्दार पद्माक्ष त्वामहं शरणं गत: ॥
देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥
वासुदेव जगद्वन्द्य श्रीपते पुरुषोत्तम ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥
कंजाक्ष कमलानाथ परकारुरुणिकोत्तम ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥
लक्ष्मीपते पद्मनाभ मुकुन्द मुनिवन्दित ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥
कार्यकारणरूपाय वासुदेवाय ते सदा ।
नमामि पुत्रलाभार्थं सुखदाय बुधाय ते ॥
राजीवनेत्र श्रीराम रावणारे हरे कवे ।
तुभ्यं नमामि देवेश तनयं देहि मे हरे ॥
अस्माकं पुत्रलाभाय भजामि त्वां जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण वासुदेव रमापते ॥
श्रीमानिनीमानचोर गोपीवस्त्रापहारक ।
देहि मे तनयं कृष्ण वासुदेव जगत्पते ॥
अस्माकं पुत्रसम्प्राप्तिं कुरुष्व यदुनन्दन ।
रमापते वासुदेव मुकुन्द मुनिवन्दित ॥
वासुदेव सुतं देहि तनयं देहि माधव ।
पुत्रं मे देहि श्रीकृष्ण वत्सं देहि महाप्रभो ॥
डिम्भकं देहि श्रीकृष्ण आत्मजं देहि राघव ।
भक्तमन्दार मे देहि तनयं नन्दनन्दन ॥
नन्दनं देहि मे कृष्ण वासुदेव जगत्पते ।
कमलानाथ गोविन्द मुकुन्द मुनिवन्दित ॥
अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम ।
सुतं देहि श्रियं देहि श्रियं पुत्रं प्रदेहि मे ॥
यशोदास्तन्यपानज्ञं पिबन्तं यदुनन्दनम् ।
वन्देsहं पुत्रलाभार्थं कपिलाक्षं हरिं सदा ॥
नन्दनन्दन देवेश नन्दनं देहि मे प्रभो ।
रमापते वासुदेव श्रियं पुत्रं जगत्पते ॥
पुत्रं श्रियं श्रियं पुत्रं पुत्रं मे देहि माधव ।
अस्माकं दीनवाक्यस्य अवधारय श्रीपते ॥
गोपालडिम्भ गोविन्द वासुदेव रमापते ।
अस्माकं डिम्भकं देहि श्रियं देहि जगत्पते ॥
मद्वांछितफलं देहि देवकीनन्दनाच्युत ।
मम पुत्रार्थितं धन्यं कुरुष्व यदुनन्दन ॥
याचेsहं त्वां श्रियं पुत्रं देहि मे पुत्रसम्पदम् ।
भक्तचिन्तामणे राम कल्पवृक्ष महाप्रभो ॥
आत्मजं नन्दनं पुत्रं कुमारं डिम्भकं सुतम् ।

ये भी पढ़ें - Health Tips: सर्दी में बार-बार आती है आपको भी छींक? आज ही अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय; तुरंत दिखेगा असर

Advertisement

संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करने का महत्व

संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। अगर आपके जीवन में कोई बाधा आ रही थी तो उससे भी छुटकारा मिल सकती है। 

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 30 December 2025 at 10:34 IST