अपडेटेड 18 December 2025 at 11:10 IST

Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या के दिन पाना चाहते हैं पितृ दोष से मुक्ति? करें ये आसान उपाय, मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

Paush Amavasya 2025: इस बार पौष अमावस्या का पर्व पितृ शांति और पूर्वजों के आशीर्वाद प्राप्ति का विशेष दिन है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये सरल उपाय और तर्पण विधि। जानें शुभ मुहूर्त और महत्व।

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पौष अमावस्या 2025 के उपाय | Image: AI

Paush Amavasya 2025 Upay: इस साल पौष अमावस्या 19 दिसंबर 2025 को पड़ रही है। हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से किए गए छोटे-छोटे उपाय पितरों को प्रसन्न करते हैं। उनकी कृपा से मानसिक शांति मिलती है, घर में सुख-समृद्धि आती है, रुके हुए काम पूरे होते हैं और संतान से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो सकती हैं। चलिए जानते हैं पौष अमावस्या पर किए जाने वाले कुछ सरल और प्रभावी उपाय।

पितरों के नाम पिंडदान करें

पौष अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करते समय चावल, दूध, शहद और तिल मिलाकर पिंड बनाएं।

इन पिंडों को पितरों को अर्पित करते हुए मंत्र बोलें -“ॐ पितृ देवताभ्यो नमः”

इसके बाद पिंड को किसी बहते जल में या पीपल के पेड़ के नीचे अर्पित कर दें। ऐसा करने से पितर संतुष्ट होते हैं और परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।

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दीया जलाकर नकारात्मकता दूर करें

शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीया जलाएं।

साथ ही घर की दक्षिण दिशा में भी एक दीया जलाकर रखें।

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अगर घी का दीया न जला पाएं तो तिल के तेल से भी दीया जला सकते हैं।

दीया जलाते समय मंत्र का जाप करें -“ॐ यमाय नमः”

इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।

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मंत्र जाप और पितरों से प्रार्थना

पौष अमावस्या के दिन किसी शांत स्थान पर बैठकर 108 बार मंत्र जाप करें।

आप इनमें से कोई एक मंत्र चुन सकते हैं - ॐ पितृभ्यो नमः और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

मंत्र जाप के बाद मन ही मन पितरों से प्रार्थना करें कि वे आप पर कृपा करें और पितृ दोष से मुक्ति दें। इससे मन को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

पीपल के नीचे पितरों का तर्पण करें

पौष अमावस्या पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।

इसके बाद पीपल के पेड़ के नीचे तर्पण करें।

तर्पण के लिए गंगाजल में काले तिल, जौ और दूध मिलाएं और पितरों का ध्यान करते हुए अर्पित करें।

इसके साथ 3 बार “ॐ पितृभ्यो नमः” मंत्र का जाप करें।

इस उपाय से पितृ दोष से राहत मिलती है और घर में शांति बनी रहती है।

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ब्राह्मण भोज और दान करें

पौष अमावस्या के दिन काले तिल, काले वस्त्र, लोहे की वस्तुएं, कंबल और गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है।

पितरों के तर्पण के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथासंभव गरीबों को भी भोजन या दान दें।

ऐसा करने से पितृ दोष शांत होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है।

पौष अमावस्या पर अगर श्रद्धा और सच्चे मन से ये उपाय किए जाएं, तो पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इससे न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है, बल्कि घर-परिवार में खुशहाली और सकारात्मकता भी बनी रहती है।
 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Samridhi Breja

पब्लिश्ड 18 December 2025 at 11:10 IST