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Published 22:17 IST, October 12th 2024

Papankusha Ekadashi: बेहद खास है पापांकुशा एकादशी, इस विधि से करें पूजा; क्या है अभिजीत मुहूर्त?

Papankusha Ekadashi Puja Vidhi: पापांकुशा एकादशी बहुत ही खास होती है, ऐसे में इस दिन अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना बहुत ही शुभ होता है।

Papankusha Ekadashi
पापांकुशा एकादशी अभिजीत मुहूर्त और पूजा विधि | Image: Instagram

Papankusha Ekadashi Abhijeet Muhurta Aur Puja Vidhi: हिंदू धर्म में वैसे तो सभी एकादशियों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन कुछ एकादशी (October Ekadashi ) ऐसी भी होती है, जो साल में एक बार आती है और इसका महत्व बाकी के मुकाबले कई गुना ज्यादा होता है। इन्हीं में पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का नाम भी शामिल हैं। यह साल में एक बार दशहरे के अगले दिन मनाई जाती है, जिसकी वजह से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। तो चलिए जानते हैं कि पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi Puja Vidhi) पर किस विधि से पूजा करनी चाहिए और इस दिन अभिजीत मुहूर्त (Papankusha Ekadashi Abhijeet Muhurta) कब है?

हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी (Kab Hai Papankusha Ekadashi ) का व्रत रखा जाता है। इस साल यह 13 और 14 अक्टूबर को पड़ रहा है। हालांकि यह व्रत रविवार 13 अक्टूबर 2024, को रखा जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन पूजा का अभिजीत मुहूर्त कब है और विधि (Papankusha Ekadashi Abhijeet Muhurta Puja Vidhi) क्या है?

पापांकुशा एकादशी पर पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त (Papankusha Ekadashi Abhijeet Muhurta)

हिंदू धर्म में अभिजीत मुहूर्त को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस मुहूर्त में पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और पूजा का फल जल्दी देते हैं। वहीं अगर बात करें बेहद खास पापांकुशा एकादशी पर अभिजीत मुहूर्त की तो वैदिक पंचांग के मुताबिक इस दिन यह मुहूर्त सुबह 11 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस बीच पापांकुशा एकादशी की पूजा करना बेहद शुभ साबित हो सकता है।

किस विधि से करें पापांकुशा एकादशी पर पूजा? (Papankusha Ekadashi Puja Vidhi)

  • पापांकुशा एकादशी के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह उठकर नहाधोकर साफ कपडे पहनने चाहिए। 
  • फिर पूजा स्थल की सफाई कर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें
  • इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और वहां भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें
  • मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करने के बाद उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं।
  • फिर उन्हें हल्दी-चंदन का तिलक लगाएं।
  • भगवान को फल और फूल अर्पित करें। अक्षत और रोली चढ़ाएं।
  • फिर शुद्ध घी का दीपक और अगरबत्ती या धूप जलाएं।
  • इसके बाद पापांकुशा एकादशी व्रत की कथा और चालीसा का पाठ करें।
  • भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। फिर आखिरी में भगवान विष्णु की आरती करें।
  • व्रत का संकल्प लें और भगवान से मन की शांति और मोक्ष की प्राप्ति की प्रार्थना करें।
  • रात के समय विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। 
  • पापांकुशा एकादशी पर इस विधि से पूजा करने से विष्णु भगवान की कृपा बरसती है और पूजा का पूरा फल मिलता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 22:17 IST, October 12th 2024