अपडेटेड 30 March 2025 at 22:02 IST

Navratri Vrat Katha 2025 2nd day: ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा क्या है?

बता दें, नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। ऐसे में जानते हैं उनकी व्रत कथा...

Maa Brahmacharini
brahmacharini vrat katha | Image: shutterstock

Navratri Vrat Katha 2025 2nd day: बता दें कि हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि बेहद शुभ होते हैं। ऐसे में इनकी शुरुआत हो चुकी है और दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ऐसे में यदि आप इस दिन माता को प्रसन्न करना चाहते हैं और व्रत रख रहे हैं तो आपको ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए।

आज का हमारा लेख इसी व्रत कथा पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप मां ब्रह्मचारिणी की कौन सी व्रत कथा पढ़ सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...

माता ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा

कथा के अनुसार, माता ब्रह्मचारिणी का जन्म पर्वतराज हिमालय के यहां हुआ था। ऐसे में उन्होंने भगवान शिव को अपना पति मान लिया और उन्हें पाने के लिए कठोर तपस्या की। ऐसा उन्होंने नारद मुनि के उपदेश से प्रेरित होकर किया। उनके कठिन तपस्या से मां ब्रह्मचारिणी कहलाई गईं। बता दें कि उन्होंने अपनी तपस्या के पहले हजार वर्षों तक केवल फल और फूल खाए। उसके बाद 100 साल तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर जीवन निर्वाह किया। फिर वर्षा और धूप की परवाह न करते हुए उन्होंने तपस्या की और ऐसे कई हजार तक केवल टूटे हुए बेलपत्र खाए और निर्जल भगवान की पूजा की। ऐसे में अंत में उन्होंने बेल पत्र भी त्याग दिए उन्होंने निर्जल और निराहार होकर तपस्या की। ऐसे में उनका शरीर अत्यंत क्षीण हो गया। 

जब उन्होंने पत्ते खाना भी बंद कर दिया तो उनका नाम अपर्णा पड़ा। बता दें कि देवी की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर ऋषि मुनि और सिद्धों ने न केवल उन्हें प्रणाम किया बल्कि कहा कि है देवी आप इतना कठोर परिश्रम कर रही हैं तो उसका आपको फल जरुर मिलेगा और भोलेनाथ आपको पति के रूप में जरूर मिलेंगे। कहते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी की यह कथा न केवल उनके तप को दर्शाती है बल्कि भक्तों को इस कथा को जरूर सुनना चाहिए। इससे माता की आराधना करने से जीवन में न केवल संयम आता है बल्कि सात्विक और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 30 March 2025 at 22:02 IST