अपडेटेड 10 December 2024 at 23:49 IST
Mokshada Ekadashi: रखने जा रहे हैं मोक्षदा एकादशी का व्रत? इस विधि से करें पूजा, तभी मिलेगा पूरा फल!
Mokshada Ekadashi vrat: अगर आप मोक्षदा एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं, जो शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि भी जान लें।
- धर्म और अध्यात्म
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Mokshada Ekadashi Puja Muhurat Aur Vidhi: मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। यह एकादशी आमतौर पर दिसंबर के महीने में आती है और खासतौर पर गीता जयंती (Gita Mahotsav) के दिन मनाई जाती है। इस दिन का महत्व इसलिए है क्योंकि इसे मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता है, और भगवान विष्णु के सामने भक्ति में एकाग्र होकर भक्त अपनी आत्मा के उद्धार की प्राप्ति के लिए पूजा करते हैं। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से सारे पापों का नाश होता है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि क्या है?
इस साल मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) का व्रत बुधवार 11 दिसंबर, 2024 को रखा जाएगा। यह एकादशी मार्गशीर्ष माह में पड़ती है, इसलिए इसका बेहद खास महत्व माना जाता है। ऐसे में जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखने जा रहा है, उसे इसकी सही पूजा विधि (Mokshada Ekadashi Vrat Vidhi) के बारे में जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा किस विधि से करना चाहिए?
मोक्षदा एकादशी पर इस विधि से करें पूजा? (Mokshada Ekadashi Puja Vidhi)
- मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि में सबसे पहले घर या मंदिर को साफ कर लें।
- इसके बाद भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति को रजत पात्र में रखकर गंगाजल छिड़कें।
- पूजा के स्थान पर दीपक, अगरबत्तियाँ, फूल, और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) रखें।
- फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद विशेष रूप से तुलसी के पत्ते और लाल या पीले रंग के फूल अर्पित करें।
- इस दिन विशेष रूप से नींद का त्याग करके रात भर भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है।
मोक्षदा एकादशी के दिन जरूर करें ये काम (Mokshada Ekadashi Par Kya Kare)
- मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखने वाले भक्तों को दिन भर उपवास करना चाहिए और रात को जागरण करना चाहिए।
- इस दिन विशेष रूप से बैल, गाय और अन्य पशुओं को चारा भी खिलाना बहुत पुण्यकारी माना जाता है।
- अगर उपवास न कर सकें, तो फलाहार पर संतुष्ट रहकर भगवान की पूजा करें।
- इस दिन विशेष रूप से शुद्ध आहार, जैसे फल, दूध और जल का सेवन करना उचित है।
- पूजा के दौरान भगवान विष्णु का ध्यान रखते हुए, भक्तों को किसी भी प्रकार के बुरे विचारों और शब्दों से बचना चाहिए।
मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्व (Importance of Mokshada Ekadashi fast)
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत पुण्यकारी होता है। जो लोग इस दिन पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मिलता है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा न केवल आत्मिक शांति का कारण बनती है, बल्कि जीवन के सभी दुखों से मुक्ति भी दिलाती है। इसलिए इस दिन को बड़े श्रद्धा भाव से मनाना चाहिए, ताकि जीवन के समस्त कष्ट समाप्त हो सकें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 10 December 2024 at 23:49 IST