अपडेटेड 8 May 2025 at 09:21 IST
Mohini Ekadashi 2025: मोहिनी एकादशी आज, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि
Mohini Ekadashi 2025 Muhurat: आइए जानते हैं कि मोहिनी एकादशी के दिन पूजा मुहूर्त क्या रहेगा।
- धर्म और अध्यात्म
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Mohini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में साल में 24 और महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं जिनके नाम अलग-अलग होते हैं। हालांकि सभी एकादशी तिथि पर मुख्य रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना किए जाने का विधान है। कहते हैं जो व्यक्ति एकादशी तिथि के दिन व्रत कर विष्णुजी की पूजा करता है उसके सभी दुखों का नाश हो जाता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
वहीं, वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) का व्रत किया जाता है। जो कि आज यानी गुरुवार को मनाई जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आज के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा।
मोहिनी एकादशी 2025 मुहूर्त (Mohini Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो चुकी है, जिसका समापन अगले दिन यानी 8 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को रखा जा रहा है।
मोहिनी एकादशी 2025 मुहूर्त
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 53 मिनट तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 32 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक।
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गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 59 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक।
मोहिनी एकादशी 2025 पारण समय (Mohini Ekadashi 2025 Paran time)
मोहिनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानी 9 मई को किया जाएगा। इस दिन व्रत पारण का समय सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस बीच आप एकादशी व्रत का पारण कर सकते हैं।
मोहिनी एकादशी की पूजा विधि (Mohini Ekadashi 2025 Puja Vidhi)
मोहिनी एकादशी की पूजा की तैयारी एक दिन पहले शुरू हो जाती है।
व्रत से एक दिन पहले पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध किया जाता है।
इसके बाद उस जगह पर सप्त अनाज रखा जाता है। अब किसी भी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
अब पूजा स्थल पर सप्त अनाज के ऊपर तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें।
इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर लगाएं।
अब भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल-फूल और तुलसी आदि अर्पित करें।
पूजा के बाद मोहिनी एकादशी की कथा का पाठ करें और भगवान विष्णु को किसी मिष्ठान का भोग लगाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 8 May 2025 at 09:21 IST