Published 08:19 IST, October 10th 2024
Maha Ashtami 2024: पढ़ें मां महागौरी की ये चालीसा, जानें स्तोत्र भी
Mahagauri Mata Navratri 8th Day 2024: नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की कौन सी चालीसा, कवच और स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं, जानते हैं...
Mahagauri Mata Navratri 8th Day 2024: नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। बता दें कि इस बार उनकी तिथि को लेकर काफी कंफ्यूजन है। कुछ लोग 10 अक्टूबर को अष्टमी मना रहे हैं तो कुछ लोग 11 अक्टूबर के दिन महा अष्टमी की पूजा करेंगे। बता दे कि यदि आप भी मां महागौरी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में उनके स्रोत, चालीसा और कवच के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की कौन सी चालीसा, कवच और स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं। पढ़ते हैं आगे…
'महागौरी चालीसा'
मन मंदिर मेरे आन बसो,आरंभ करूं गुणगान,
गौरी मां मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।
पूजन विधि न जानती, पर श्रद्धा है आपर,
प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे मा प्राण आधार।
नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता,
शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।
आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,
महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।
सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मों से कभी हटु ना,
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।
हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो,
मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेहा मै पायु।
परम आराध्या आप हो मेरी, फ़िर क्यूं वर मे इतनी देरी,
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोड़े में बरकत भर दीजियो।
अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना,
गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।
देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर मै पाते,
श्रद्धा भाव जो ले कर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।
हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा,
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।
शिव भी आपका काहा ना टाले, दया द्रष्टि हम पे डाले,
जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।
सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती,
दया द्रष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।
जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,
जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।
सता गुन की हो दता आप, हर इक मन की ग्याता आप,
काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेश।
दुख संताप मिटा देना मां, मेघ दया के बरसा देना मां,
जबही आप मौज में आय, हठ जय मां सब विपदाएं।
जीसपे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,
फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।
अवगुन मेरे ढक देना मां, ममता आंचल कर देना मां,
कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।
बिन पाऊ न गुन मां तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,
जितने आपके पावन धाम, सब धामो को माँ प्राणम।
आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार,
निर्मल मन जो शरण मे आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।
संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को मां संभव कर दो,
आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।
अपकी महिमा अति निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली,
मनोकामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।
चालीसा जो भी पढे-सुनाया, सुयोग्य वर वरदान मे पाए,
आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।
गौरी मां विनती करूं, आना आपके द्वार,
ऐसी मां कृपा किजिए, हो जाए उद्धहार।
हीं हीं हीं शरण मे, दो चरणों का ध्यान,
ऐसी मां कृपा कीजिए, पाऊं मान सम्मान।
महागौरी स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
माता महागौरी की कवच
ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो।
क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 08:19 IST, October 10th 2024