अपडेटेड 11 February 2025 at 07:46 IST

Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा कल, पूजा के समय जरूर करें मां लक्ष्मी के इस स्तोत्र का पाठ, बनेंगे धन लाभ के योग

Magh Purnima Maa Lakshmi Stotra: माघ पूर्णिमा के दिन आपको मां लक्ष्मी के इन स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।

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माघ पूर्णिमा 2025 | Image: Freepik

Magh Purnima 2025: हिंदू धर्म में माघ महीने की पूर्णिमा तिथि (Magh Purnima 2025 Date) को बेहद खास माना जाता है। माघ महीने में आने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है।  इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा किए जाने का विधान है। इतना ही नहीं माघ पूर्णिमा के मौके पर स्नान-दान किए जाने की भी परंपरा है। इस साल माघ पूर्णिमा कल यानी बुधवार 12 फरवरी के दिन मनाई जाने वाली है।

शास्त्रों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान का कार्य किया जाता है। कहते हैं कि इस दिन दान करने से साधक को कई गुना फल मिलता है। साथ ही माघ पूर्णिमा के दिन आप भक्ति भाव से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर उनका आशीर्वाद भी पा सकते हैं। इस दिन अगर आप मां लक्ष्मी के कुछ खास स्तोत्र का जप करते हैं तो इससे आपको आर्थिक लाभ तो मिलेगा ही साथ ही आपका जीवन खुशहाली से भी भर जाएगा। तो आइए जानते हैं इन स्तोत्रों के बारे में।

अष्टलक्ष्मी स्तोत्र (Ashtalakshmi Stotra)

आदिलक्ष्मी

सुमनस वन्दित सुन्दरी माधवी, चन्द्र सहोदरि हेममयी
मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायिनी, मञ्जुलभाषिणि वेदनुते।
पङ्कजवासिनी देवसुपूजिता, सद्गुणवर्षिणि शान्तियुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, आदिलक्ष्मी सदा पालय माम्॥1॥

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धान्यलक्ष्मी

अहिकलि कल्मषनाशिनी कामिनी, वैदिकरूपिणि वेदमयी
क्षीरसमुद्भव मङ्गलरूपिणि, मन्त्रनिवासिनी मन्त्रनुते।
मङ्गलदायिनी अम्बुजवासिनी, देवगणाश्रित पादयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, धान्यलक्ष्मी सदा पालय माम्॥2॥

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धैर्यलक्ष्मी

जयवरवर्णिनी वैष्णवी भार्गवी, मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमयी
सुरगणपूजिता शीघ्रफलप्रदा, ज्ञानविकासिनी शास्त्रनुते।
भवभयहारिणि पापविमोचनी, साधुजनाश्रित पादयुते
जय जय हे मधुसूधन कामिनी, धैर्यलक्ष्मी सदा पालय माम्॥3॥

गजलक्ष्मी

जय जय दुर्गतिनाशिनी कामिनी, सर्वफलप्रदा शास्त्रमयी
रधगज तुरगपदाति समावृत, परिजनमण्डिता लोकनुते।
हरिहर ब्रह्मा सुपूजिता सेविता, तापनिवारिणि पादयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, गजलक्ष्मी रूपेण पालय माम्॥4॥

सन्तानलक्ष्मी

अहिखगवाहिनी मोहिनी चक्रिणी, रागविवर्धिनी ज्ञानमयी
गुणगणवारिधि लोकहितैषिणी, स्वरसप्त भूषिता गाननुते।
सकल सुरासुर देवमुनीश्वर, मानववन्दिता पादयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, सन्तानलक्ष्मी त्वं पालय माम्॥5॥

विजयलक्ष्मी

जय कमलासनि सद्गतिदायिनी, ज्ञानविकासिनी गानमयी
अनुदिनमर्चिता कुङ्कुमधूसर, भूषिता वासिता वाद्यनुते।
कनकधरास्तुति वैभववन्दिता, शङ्कर देशिक मान्य पदे
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, विजयलक्ष्मी सदा पालय माम्॥6॥

विद्यालक्ष्मी

प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवी, शोकविनाशिनी रत्नमयी
मणिमयभूषिता कर्णविभूषिता, शान्तिसमावृत हास्यमुखे।
नवनिधिदायिनी कलिमलहारिणी, कामितफलप्रदा हस्तयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, विद्यालक्ष्मी सदा पालय माम्॥7॥

धनलक्ष्मी

धिमिधिमि धिंधिमि धिंधिमि-धिंधिमि, दुन्दुभि नाद सुपूर्णमयी
घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम, शङ्खनिनाद सुवाद्यनुते।
वेदपूराणेतिहास सुपूजिता, वैदिकमार्ग प्रदर्शयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, धनलक्ष्मी रूपेण पालय माम्॥8॥

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 11 February 2025 at 07:46 IST