अपडेटेड 7 December 2025 at 20:58 IST

Lord Shiva Panchakshara Stotra : सोमवार के दिन जरूर करें भगवान शिव के इस स्तोत्र का जाप, मिलेगा मनचाहा फल!

Lord Shiva Panchakshara Stotra : सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। अब ऐसे में इस दिन किस स्तोत्र का पाठ करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Lord Shiva Panchakshara Stotra
Lord Shiva Panchakshara Stotra | Image: Freepik

Lord Shiva Panchakshara Stotra : सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित दिन। इस दिन हर शिव भक्त उनकी आराधना में लीन होता है, ताकि भोलेनाथ की कृपा से उनके जीवन के कष्ट दूर हों और मनोकामनाएं पूरी हों। शिव पूजन में बेलपत्र, जल और दूध के अभिषेक का जितना महत्व है, उतना ही महत्व उनके दिव्य मंत्रों और स्तोत्रों के पाठ का भी है। अब ऐसे में अगर आप भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो ब्रह्म मुहूर्त में भगवान शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने का विशेष विधान है। आइए इस लेख में विस्तार से भगवान शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भगवान शिव का पंचाक्षर स्तोत्र

'पंचाक्षर' का अर्थ है पांच अक्षर। यह भगवान शिव का मूल मंत्र 'नमः शिवाय' इन पांच अक्षरों से मिलकर बना है: न, म, शि, वा, य। पंचाक्षर स्तोत्र इन्हीं पांच अक्षरों का मेल है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्तोत्र स्वयं आदि शंकराचार्य द्वारा लिखा गया था और यह शिव भक्ति का सार माना जाता है। इस स्तोत्र में पांच श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक का पहला अक्षर मिलकर 'न-म-शि-वा-य' बनाता है।

सोमवार के दिन करें पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय॥1॥

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मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय।

मण्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम:शिवाय॥2॥

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शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्रीनीलकण्ठाय बृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम:शिवाय॥3॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम:शिवाय॥4॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय॥5॥

पञ्चाक्षरिमदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥6॥

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पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव का पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है और जीवन में चल रही समस्याएं दूर हो सकती है। इतना ही नहीं, इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।

कब करें शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ

आप भगवान शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ ब्रह्म मुहू्र्त में करें और स्तोत्र का पाठ करने के दौरान भगवान शिव का अभिषेक जरूर करें।

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 7 December 2025 at 20:58 IST