अपडेटेड 4 November 2025 at 14:05 IST

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा के दिन रहेगा भद्रा का साया? जानें किस समय स्नान करना होगा शुभ

Kartik Purnima 2025: भद्रा का साया को शुभ नहीं माना जाता है। अब ऐसे में सवाल है कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया है या नहीं। आइए इस विस्तार से जानते हैं।

Kartik Purnima 2025
Kartik Purnima 2025 | Image: Meta AI

Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को बेहद शुभ और पावन माना जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सभी भक्त पवित्र नदी में स्नान-दान करते हैं। इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व है। इससे व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। बता दें, इस साल कार्तिक पूर्णिमा 05 नवंबर को है। इस दिन व्रती जातक स्नान, दान जरूर करें। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया रहने वाला है। जिसे शुभ नहीं माना जाता है। 

अब ऐसे में सवाल है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया रहेगा तो फिर किस समय स्नान करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से विस्तार से जानते हैं।

क्या कार्तिक पूर्णिमा के दिन रहेगा भद्रा का साया? 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया रहने वाला है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया स्वर्ग लोग में है। पृथ्वी और पाताल लोक में भद्रा का साया नहीं रहने वाला है। इसलिए आप आराम से स्नान और दीपदान कर सकते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है? 

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का कार्य ब्रह्म मुहूर्त में करना सबसे शुभ माना जाता है। इस समय गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
शुभ स्नान-दान मुहूर्त  - आप ब्रह्म मुहूर्त में 5 नवंबर को सुबह 4 बजकर 52 मिनट से सुबह 5 बजकर 44 मिनट के बीच स्नान-दान कर सकते हैं। 
इस मुहूर्त में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें और अपनी सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, तिल, चावल, या घी का दान करें। स्नान-दान के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

Advertisement

ये भी पढ़ें - Heart attack in men: महिलाओं की तुलना में पुरुषों को करनी चाहिए अधिक एक्सरसाइज, Heart Disease से मिलेगा छुटकारा

देव दिवाली के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? 

  • देव दीपावली प्रदोष काल मुहूर्त- 5 नवंबर 2025, शाम 5 बजकर 15 मिनट से शाम 7 बजकर 50 मिनट तक है। 
  • लाभ-उन्नति - सुबह 6 बजकर 36 मिनट से 7 बजकर 58 मिनट तक है। 

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 4 November 2025 at 14:04 IST