अपडेटेड 13 August 2025 at 13:56 IST
Janmashtami 2025 Kab Hai: 15, 16 या 17 अगस्त कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व? जानें पूजा से लेकर पारण मुहूर्त, नियम और महत्व
Janmashtami 2025 Kab Hai: क्या 2025 में जन्माष्टमी 15 या 16 अगस्त को मनाई जाएगी? यहां जानें जन्माष्टमी की सही तारीख, निशीथ काल, पारण और त्योहार की पूरी जानकारी के लिए विस्तार से पढ़ें।
- धर्म और अध्यात्म
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Janmashtami 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन विधिवत रूप से श्रीकृष्ण के लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी भी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो जन्माष्टमी के दिन सच्चे मन से लड्डू गोपाल की सेवा करें। इस दिन आप उनकी चंदन सेवा भी विशेष रूप से करें। अब ऐसे में कई भक्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर कन्फ्यूजन में हैं कि जन्माष्टमी का पर्व कब मनाया जाएगा और लड्डू गोपाल की पूजा किस मुहूर्त में करनी चाहिए? साथ ही जन्माष्टमी व्रत का पारण किस समय करने से लाभ हो सकता है? इन सभी सवालों के बारे में जानने के लिए विस्तार से इस लेख को पढ़ें।
15, 16 या 17 अगस्त कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व?
अगर आप जन्माष्टमी व्रत को लेकर कन्फ्यूजन में हैं तो आप खुद ही सही तिथि देखते हुए पूजा-पाठ कर सकते हैं। पुराणों के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखने का विधान है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। आपको बता दें, भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को रात 11:49 मिनट पर हो रहा है और यह 16 अगस्त को रात 09:34 मिनट तक है।
इसलिए उदया तिथि के हिसाब कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त 2025 को रखा जाएगा। कुल मिलाकर जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त देर रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 47 मिनट तक है। इस दौरान जन्माष्टमी पर बुधादित्य और गजलक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान पूजा-पाठ करना अधिक फलदायी माना जाता है।
- अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 15 अगस्त को रात 08 बजकर 19 मिनट तक
- अष्टमी तिथि समाप्त - 16 अगस्त को शाम 06 बजकर 04 मिनट तक
- रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ - 17 अगस्त को देर रात 01 बजकर 08 मिनट तक
- रोहिणी नक्षत्र समाप्त - 17 अगस्त को रात 11 बजकर 47 मिनट तक
जन्माष्टमी 2025 पूजा मुहूर्त और निशीथ काल का समय
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निशीथ काल में करने का विधान है। इसलिए आप देर रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 47 मिनट पर कर सकते हैं।
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जन्माष्टमी 2025 कितने बजे पारण करें?
जन्माष्टमी के दिन दो तरह से पारण भक्त कर सकते हैं। जन्माष्टमी के दिन जो लोग लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव के बाद पारण कर रहे हैं वह 16 अगस्त 2025 देर रात को 12 बजकर 47 मिनट के बाद कर सकते हैं।
वहीं जो लोग सूर्योदय के बाद जन्माष्टमी व्रत का पारण करने की सोच रहे हैं तो वे 17 अगस्त को सुबह 05 बजकर 51 मिनट के बाद कर सकते हैं।
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जन्माष्टमी 2025 व्रत के नियम क्या हैं?
जन्माष्टमी के दिन जो भक्त व्रत रख रहे हैं वह व्रत का पारण जरूर करें। क्योंकि पारण के बिना व्रत अधूरी मानी जाती है।
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा पूरे विधि-विधान से करें। आप इत्र और चंदन सेवा भी कर सकते हैं।
जन्माष्टमी के दिन तामसिक भोजन करने से बचें।
जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार करते समय चंदन का प्रयोग जरूर करें।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 13 August 2025 at 13:56 IST