अपडेटेड 23 August 2025 at 23:12 IST

Surya Dev Puja: सूर्यदेव को किस धातु के लोटे से दें अर्घ्य? जानें नियम

Surya Dev Puja: हिंदू धर्म में सूर्यदेव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है और सूर्यदोष से छुटकारा मिल सकता है। अब ऐसे में रविवार के दिन सूर्यदेव को किस धातु के लोटे से अर्घ्य देने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Surya Dev Puja
Surya Dev Puja | Image: Meta Ai

Surya Dev Puja: ज्योतिष शास्त्र में सूर्यदेव को भाग्य का कारक माना जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से कुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति मजबूत हो सकती है और मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। इतना ही नहीं, अगर किसी जातक को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो सूर्यदेव को मात्र अर्घ्य देने से पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में अगर आप भी रविवार के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं तो इस दिन कुछ ऐसे नियम हैं, जिनका पालन करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं।

सूर्यदेव को तांबे के लोटे से दें अर्घ्य 

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्घ्य देना बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। क्योंकि तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्घ्य देने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही आत्मविश्वास, मान-सम्मान के साथ-साथ स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा के अशुभ प्रभाव दूर हो सकते हैं। सूर्यदेव को तांबे के लोटे से अर्घ्य देने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। इसलिए आप चाहे तो रोज या फिर हर रविवार के दिन तांबे के लोटे से ही सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

तांबे के लोटे में इन चीजों को मिलाकर दें अर्घ्य

आप सूर्यदेव को अर्घ्य दे रहे हैं तो तांबे के लोटे में अक्षत, रोली, चंदन, गुड़, पीले फूल, शहद, काले तिल डालकर अर्घ्य दें। साथ ही सूर्यदेव के मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे मनचाहे परिणाम मिल सकते हैं और आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है।

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सूर्यदेव को अर्घ्य देने के दौरान करें नियमों का पालन

  • अगर आप सूर्यदेव को अर्घ्य दे रहे हैं तो सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे के बीच ही अर्घ्य दें। 
  • सूर्यदेव को अर्घ्य देने के दौरान सूर्य चालीसा या फिर सूर्य मंत्र का जाप करें। 
  • सूर्यदेव को अर्घ्य देने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि जल के छीटे आपके पैरों पर न पड़े। 
  • आप सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद परिक्रमा जरूर लगाएं।

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 23 August 2025 at 23:12 IST