अपडेटेड 3 August 2024 at 21:08 IST

Hariyali Teej: हरियाली तीज से सिंधारा का क्या है संबंध? जानें इसका महत्व और मायके से आने का कारण

कुछ जगहों पर हरियाली तीज के मौके पर बेटी के मायके से सिंधारा आता है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सिंधारा और हरियाली तीज के बीच क्या संबंध है?

Hariyali Teej
सिंधारा क्या है? | Image: Freepik

Hariyali Teej Par Mayke Se Kyo Aata Hai Sindhara: मां पार्वती और भगवान शंकर को समर्पित हरियाली तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। यह पर्व खास तौर से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इस पावन त्योहार को मनाने का तरीका और भी खास होता है। वहीं हरियाली तीज के मौके पर कुछ जगहों पर बेटी के मायके से सिंधारा आता है जिसका खास महत्व होता है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सिंधारा और हरियाली तीज का क्या संबंध है और इस मौके पर यह बेटी के मायके से क्यों आता है?

हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके अपने पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करते हुए व्रत करती है और विधिवत पूजा अर्चना करती हैं। इसकी तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है, क्योंकि यह बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। वहीं इस दिन व्रत में सिंधारा भेजने की भी परंपरा है, लेकन इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।

क्या होता है सिंधारा और हरियाली तीज से क्या है संबंध?

सिंधारा हरियाली तीज से पहले शादीशुदा महिलाओं के मायके से आता है। इसमें सोलह श्रृंगार का सामान, कपड़े, मिठाइयां, फल, घेवर और भी कई सामान बेटी के घर भेजा जाता है। जिसे शगुन के तौर पर पड़ोसियों और रिश्तेदारों में बांटे जाते हैं। यह सिंधारा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इसके जरिए मायके से बेटी को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद भेजा जाता है।

सिंधारे में कौन-कौन सा सामना होता है?

  • हरी चूड़ी, बिंदी, सिंदुर, काजल, मेहंदी, नथ, गजरा।
  • मांग टीका, कमरबंद, बिछिया, पायल, झुमके, बाजूबंद।
  • अंगूठी, कंघा, सोने के आभूषण।
  • मिठाई - घेवर, रसगुल्ला, मावे की बर्फी भी भेज सकते हैं।
  • बहू-बेटी के अलावा परिवार के लिए कपड़े।

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 3 August 2024 at 21:08 IST