अपडेटेड 3 August 2024 at 17:07 IST
Hariyali Teej 2024: तीज व्रत कथा से पहले जरूर पढ़ें इस देवता की कहानी, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा...
Hariyali Teej 2024: यदि आप तीज की कथा पढ़ने जा रहे हैं तो ऐसे में पहले भगवान गणेश की कथा पढ़नी जरूरी है। जानते हैं इसके बारे में...
- धर्म और अध्यात्म
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Hariyali Teej 2024 Vrat Katha: तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही पवित्र और शुभ होता है। सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपनी सुहाग की रक्षा के लिए मंगल कामना करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तीज की कथा से पहले महिलाओं को एक और कथा पढ़नी चाहिए। हम सब जानते हैं कि पूजा में सबसे पहले याद भगवान गणेश को किया जाता है। उसके बाद ही अन्य देवी देवताओं की पूजा की जाती है। ऐसे में यदि तीज के त्योहार पर आप भगवान गणेश को भूल जाएं तो पूजा अपूर्ण मानी जाती है।
आप तीज की कथा पढ़ने से पहले भगवान गणेश की कथा जरूर पढ़ें। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भगवान गणेश की कौन-सी कथा आपको तीज कथा से पहले पढ़नी चाहिए। पढ़ते हैं आगे…
तीज की कथा पढ़ने से पढ़ें ये कहानी…
कहते हैं कि एक बार भगवान गणेश बालक का रूप धारण करके किसी नगर में एक चावल और एक चम्मच दूध लिए घर-घर घूमने लगे। साथ में कहने लगे कि कोई मेरी खीर बना दो। ऐसे में सब उस बालक पर हंसने लगे। इतने कम सामान में कैसे खीर बन सकती है। वह बालक अंत में एक बुढ़िया के पास पहुंचा। वह बुढ़िया बच्चों को खेलते हुए देख रही थी। बालक ने कहा कि मां आप मेरी इस चावल की और दूध की खीर बना दो। बुढ़िया ने कहा कि मैं खीर तो बना दूंगी लेकिन क्या तू मुझे भी खीर खाने देगा। तब वह बोला जरूर दूंगा आप मेरी खीर बना दो।
तब बुढ़िया अंदर से छोटी सी कटोरी लेकर आई और कहा कि ला मुझे अपना सामान दे तो बच्चा बोला की मां छोटी कटोरी में खीर नहीं बनेगी आप बड़ा बर्तन लो। तब बुढ़िया एक बड़ा बर्तन लेकर आई और उसने उस बालक से दूध और चावल डलवाए। खीर बनने लगी। बनते-बनते खीर पूरे भगोने में भर गई। अब बुढ़िया ने थोड़ी सी खीर प्याली में निकाल कर ठंडी की और भगवान गणेश का भोग लगाया।
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उसके बाद बुढ़िया ने उस बस बच्चे को बुलाया और कहा कि तुम भी खीर खा लो तो वह बच्चा बोला कि मां मैंने तो खीर खा ली। तब बुढ़िया ने पूछा कि तुमने खीर कब खाई। तो बच्चा बोला कि जब आप भगवान गणेश का भोग लगा रही थी तब मैंने खीर खाई। बुढ़िया समझ गई थी कि यह तो साक्षात भगवान गणेश का रूप है। फिर बुढ़िया ने पूरे गांव को खीर की दावत दी और भगवान गणेश ने बुढ़िया को आशीर्वाद दिया कि तुम हमेशा आनंद से रहोगी।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 3 August 2024 at 17:07 IST