अपडेटेड 3 August 2024 at 16:54 IST

Teej: आपको भी लगता है हरियाली और हरितालिका तीज एक है? तो जान लें दोनों में अंतर

हरियाली और हरितालिका तीज दोनों ही माता पार्वती से जुड़े हैं और बहुत ही खास होते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इन दोनों को एक मानने की गलती कर बैठते हैं।

teej
हरियाली और हरितालिका तीज में अंतर | Image: Freepik

Hariyali Aur Haritalika Teej Me Antar: हिंदू धर्म में तीज व्रत का बेहद खास महत्व माना जाता है। यह व्रत सुहाग के लिए रखा जाता है और माता पार्वती की पूजा की जाती है। तीज का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में सुख-शांति के लिए रखती हैं। वैसे तो साल में 3 तीज का त्योहार आता है, जिसमें हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज शामिल है, लेकिन हरियाली और हरतालिका तीज को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन होती है और कई बार वे इसे एक ही मान बैठते हैं। ऐसे में आज हम आपको इसके बीच अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं। 

तीजों ही तीजों में मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा की जाती है और ये पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने ही सबसे पहले तीज का व्रत भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। जिसके बाद से ही तीज के व्रत की शुरुआत हुई और महिलाएं तभी से इस दिन व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना करके मां पार्वती जैसा दांपत्य जीवन पाने की कामना करती हैं।

हरियाली और हरतालिका तीज में अंतर?

महीने का अंतर
हरियाली और हरतालिका तीज के बीच महीने का अंतर होता है। हरियाली तीज सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होती है। वहीं हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।

हरियाली तीज में होता है ये काम
हरियाली तीज में सुहागिन महिलाएं लहरिया पहनकर झूला झूलती हैं। हरियाली तीज पर मेले का भी आयोजन किया जाता है।

नाम में अंतर
हरियाली तीज को छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है और वहीं कजरी तीज को बड़ी तीज कहा जाता है। हरतारिका तीज को सामान्य तीज कहते हैं।

Advertisement

हरितालिका तीज के नियम?

हरितालिका तीज व्रत के बहुत ही कड़े नियम होते हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निरा जली व्रत रखती हैं और रात में चांद निकलने के बाद ही पूजा करती हैं और व्रत खोलती हैं। 

यह भी पढ़ें… Friendship Day 2024: कब और क्यों मनाया जाता है फ्रेंडशिप डे, कैसे हुई इसकी शुरुआत? ये है इतिहास

Advertisement

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 3 August 2024 at 16:54 IST