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अपडेटेड 5 July 2025 at 18:19 IST

Mehandipur Balaji Temple: मेहंदीपुर बालाजी में हनुमान जी के दर्शन करने जाते हैं तो भूलकर भी न करें ये गलती, जान ले ये मान्यताएं

राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों के बारे में दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आईए जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़े रहस्य।

Reported by: Deepak Gupta
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Mehandipur Balaji Temple
Mehandipur Balaji Temple | Image: Mehandipur Balaji

Mehandipur Balaji Temple: आपने देश भर में कई मंदिरों से जुड़े चमत्कारी किस्से सुने होंगे, हर मंदिर का अपना इतिहास और कुछ रोचक कहानी जरूर होती हैं। ठीक इसी तरह राजस्थान के दौसा में मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर का नाम तो आपने सुना ही होगा। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सिर्फ आस्था का प्रतीक ही नहीं है बल्कि अपने आप में कई रहस्य समेटे हुआ है। यह मंदिर बजरंगबली हनुमान जी को समर्पित है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन को पहुंचते हैं।

हनुमान जी महाराज के अलावा यहां प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की मूर्ति है। इस मंदिर में हनुमान जी बाल स्वरूप में विराजमान हैं। देश के हर कोने से यहां पर लोग दर्शन करने आते हैं और भूत प्रेत से मुक्ति पाने के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों के बारे में दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आईए जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़े रहस्य।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में चढाया जाता है अलग-अलग प्रसाद

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी के अलावा प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा का मंदिर है यहां हर भगवान को अलग प्रसाद चढ़ाया जाता है। हनुमान जी को लड्डू, प्रेतराज सरकार को चावल और भैरव बाबा को उड़द की दाल का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि प्रसाद का भोग लगाने के बाद अगर किसी व्यक्ति को खिला दिया जाता है और दिसके ऊपर भूत प्रेत का साया है फिर वह अजीब सी प्रतिक्रिया करने लगता है।

घर नहीं लाते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में चढ़ाया गया प्रसाद

मान्यता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में चढ़ाया गया प्रसाद या किसी का दिया वह प्रसाद घर नहीं लाया जाता है। इसके अलावा मंदिर से कोई चीज खरीद कर भी घर नहीं लाई जाती है। यदि आप ऐसा करते हैं तो नेगेटिव एनर्जी आपके साथ घर आ सकती है।

एक हाजिरी वाला, दूसरा अर्जी वाला प्रसाद

यहां मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दो तरह के प्रसाद चढ़ाया जाते हैं, एक हाजिरी वाला, दूसरा अर्जी वाला। हाजिरी वाले प्रसाद को दो बार खरीदा जाता है, जबकि अर्जी वाले प्रसाद में तीन थालियां लगाई जाती हैं। हाजिरी वाला प्रसाद लगाने के बाद तुरंत मंदिर से निकालना पड़ता है। वहीं अर्जी वाला प्रसाद दर्शन करके लौट के बाद मिलता है प्रसाद को मंदिर से बाहर निकलने से पहले बिना मुड़े ही पीछे फेंका जाता है।

बालाजी भगवान के दर्शन करने से पूर्ण होती है मनोकामना

हनुमान जी के बाल स्वरूप में विराजमान मेहंदीपुर बालाजी भगवान मनोकामना को पूर्ण करने के लिए जाने जाते हैं। लोग अपनी समस्याएं लेकर वहां जाते हैं और वहां से अपना निदान पाते हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

पब्लिश्ड 5 July 2025 at 18:19 IST