अपडेटेड 25 November 2025 at 23:41 IST
Geeta Jayanti 2025 Upay : गीता जयंती के दिन जरूर करें ये 5 उपाय, जीवन के सभी कष्ट होंगे दूर; भाग्य का मिलेगा साथ
Geeta Jayanti 2025 Upay : हिंदू धर्म में गीता जयंती को बेहद शुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में इस दिन कुछ ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Geeta Jayanti 2025 Upay : मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। यह वह दिन है जब कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यह उपदेश जीवन के हर सार और समस्या का समाधान है, इसलिए इस दिन को 'मोक्षदा एकादशी' भी कहते हैं। साल 2025 में यह शुभ तिथि सोमवार, 1 दिसंबर को पड़ रही है।
आपको बता दें, गीता जयंती पर विधि-विधान से पूजा और गीता पाठ करने से जीवन के सभी दु:ख दूर होते हैं और श्री कृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप भी अपने जीवन के कष्टों को दूर करके, भाग्य का साथ पाना चाहते हैं, तो गीता जयंती के दिन कुछ ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से भाग्योदय हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण की करें पूजा और गीता का पाठ
गीता जयंती के दिन सुबह स्नान करने के बाद, भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। उन्हें पीले वस्त्र, पीले फूल, चंदन और भोग अर्पित करें। इस दिन मुख्य रूप से श्रीमद्भगवद्गीता की पूजा करें। पूजा के बाद गीता के किसी एक अध्याय या श्लोक का पाठ संकल्प लेकर अवश्य करें। माना जाता है कि ऐसा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन के हर भ्रम से मुक्ति मिलती है।
गीता पुस्तक का करें दान
पुराणों के अनुसार, गीता जयंती के दिन गीता पुस्तक का दान करें। इसे महापुण्यकारी माना गया है। इस दिन आप किसी जरूरतमंद, ब्राह्मण, मंदिर या पुस्तकालय में भगवद्गीता की प्रति भेंट कर सकते हैं।
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'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप
भगवान कृष्ण को समर्पित यह पर्व है, इसलिए इस दिन श्री कृष्ण के महामंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का कम से कम 108 बार जाप करें। आप माला लेकर या बिना माला के भी जाप कर सकते हैं। यह उपाय मन को शांति प्रदान करता है, नकारात्मकता को दूर करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
तुलसी और पीपल की परिक्रमा करें
गीता में भगवान कृष्ण ने स्वयं को वृक्षों में पीपल और पत्तों में तुलसी बताया है। इसलिए गीता जयंती के दिन तुलसी के पौधे और पीपल के वृक्ष की पूजा करना और परिक्रमा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे आर्थिक कष्ट दूर होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख-समृद्धि आती है। परिक्रमा करते समय 'विष्णु सहस्रनाम' का पाठ करना भी बहुत लाभकारी होता है।
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गीता जयंती के दिन करें शिव पूजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को भगवान शिव का आराध्य माना जाता है। गीता में भी ज्ञानयोग, कर्मयोग और भक्तियोग का वर्णन है, जो मोक्ष की ओर ले जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती की संयुक्त पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और यह कल्याणकारी होता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 25 November 2025 at 23:41 IST