अपडेटेड 14 July 2024 at 20:06 IST

Ekadashi 2024: 16 या 17 कब रखा जाएगा देवशयनी एकादशी का व्रत, जानें सही डेट और पूजा का मुहूर्त

सभी एकादशियों में खास मानी जाने वाली देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) की डेट को लेकर कंफ्यूजन है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल यह व्रत कब रखा जाएगा।

Ekadashi
देवशयनी एकादशी कब है? | Image: Freepik

Kab Hai Devshayani Ekadashi: सनातन धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत बहुत ही खास माना जाता है। कहते हैं इस एक व्रत (Vrat) को करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि साल में 24 और महीने में 2 बार पड़ने वाली सभी एकादशियों (Ekadashi) का नाम और महत्व अलग-अलग होता है। 24 एकादशियों में से एक देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) भी है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। आइए जानते हैं इस साल यह कब है।

वैसे तो हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी पड़ती है, लेकिन आषाढ़ माह (Ashadh Maah) के शुक्ल पक्ष की एकादशी का महत्व बहुत ही अधिक माना जाता है, क्योंकि इस एकादशी (Ekadashi) तिथि से जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु (Vishnu Bhagwan) 4 महीनों के लिए निद्रा यानी सोने के लिए जाते हैं। जिसे देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) के नाम से जाना जाता है, तो चलिए जानते हैं कि इस साल यह एकादशी कब पड़ रही है।

कब रखा जाएगा देवशयनी एकादशी का व्रत? (Kab Hai Devshayani Ekadashi 2024)

हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवशयनी एकादशी का व्रत (Devshayani Ekadashi Vrat) रखा जाता है। इस बार इस तिथि की शुरुआत 16 जुलाई 2024 दिन मंगलवार की रात 8 बजकर मिनट से होगी जो 17 जुलाई दिन बुधवार की रात 9 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। ऐसे में बहुत से लोग कंफ्यूज हैं कि देवशयनी एकादशी का व्रत किस दिन रखें। बता दें कि हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य होता है ऐसे में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi Date) का व्रत 17 जुलाई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

देवशयनी एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त?

देवशयनी एकादशी के दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक शुभ योग बन रहे हैं। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण होगा। ऐसे में पूरे दिन पूजा का शुभ मुहूर्त है।

Advertisement

कैसे पड़ा आषाढ़ की एकादशी का देवशयनी नाम?

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए शयनकाल यानी सोने के लिए चले जाते हैं। इसीलिए इस एकादशी का नाम देवशयनी एकादशी पड़ा। वहीं देवशयनी एकादशी के चार महीने के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।   

यह भी पढ़ें… Sawan Marriage: पवित्र महीना होने के बाद भी सावन में क्यों नहीं होती शादी? जानें क्या है वजह

Advertisement

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 14 July 2024 at 20:06 IST