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अपडेटेड 23 June 2025 at 18:05 IST

Premanand Maharaj: क्या हमारे कर्म भगवान की इच्छा से ही होते हैं? प्रेमानंद महाराज से जानिए सच्चाई

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा कि क्या हमारे कर्म भगवान से इच्छा से होते हैं इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा लिए जानते हैं?

Reported by: Deepak Gupta
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Premanand Maharaj
Premanand Maharaj | Image: x

Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज आज हर घर में चर्चा का विषय हैं। उनके धार्मिक प्रवचन न केवल युवाओं को उनकी हर उम्र के लोगों को जीवन जीने का रास्ता दिखा रहे हैं। प्रेमानंद महाराज के बताए हुए मार्ग पर चलकर आज लाखों लोग अपने जीवन को सत्कर्म में लगा रहे हैं।

एकांतिक वार्ता के दौरान एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि क्या हमारे कर्म भगवान से इच्छा से होते हैं इस प्रश्न के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा लिए जानते हैं?

भगवान ने आनंद के लिए पैदा किया है- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि कर्म आपकी अपनी मर्जी से होते हैं, क्या भगवान ने आकर कहा था तुमसे कि शराब पियो, भगवान ने तुमसे कहा था कि मुर्गा खाओ। इस पर भक्त ने पूछा कि भगवान ने हमें पैदा ही क्यों किया है। प्रश्न के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगर सही पूछो तो भगवान ने तुम्हें पैदा करके कृपा की है। आनंद के लिए पैदा किया है। हम आनंद लें, हम गलत मार्ग में क्यों जा रहे हैं?

भगवान ने अच्छे और बुरे दोनों मार्ग बनाए हैं- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि धर्म से चलो, भगवान ने दोनों मार्ग बना दिए हैं। जैसे दिन है, रात है, अच्छा है, बुरा है। अगर आप बुरे मार्ग में जाओगे तो बुरा फल मिलेगा, अच्छे मार्ग में जाओगे तो अच्छा फल मिलेगा। लेकिन भगवान तुम्हें बहुत प्यार करते हैं, तुमने कोई ऐसा कर्म नहीं किया था जिससे कि तुम्हें सूअर, कुत्ता न बना करके मनुष्य बनाया, यह उनकी कृपा है। अब हम उनकी कृपा का दुरुपयोग करके गंदा आचरण करेंगे, तो हमें दुष्परिणाम झेलना ही होगा। अगर घर में शौचालय ना हो तो घर अधूरा माना जाएगा। पूरा घर तभी है जब रसोई भी है और शौचालय भी है।

पाप कर्म किया है तो ना चाहो तो भी भोगना पड़ेगा- प्रेमानंद महाराज

ऐसे ही भगवान ने बुरा और अच्छा सब कुछ बनाया है लेकिन आप बुरे मार्ग में जाओगे तो बुरा फल मिलेगा, अच्छे मार्ग में जाओगे तो अच्छा फल मिलेगा। कर्म करने की आपको स्वतंत्रता है, कर्म करने के लिए भगवान ने आपको परतंत्र नहीं बनाया है, आप स्वतंत्र कर्म करके भोगने के लिए परतंत्र हो, यदि आपने पाप कर्म किया है तो ना चाहो तो भी भोगना पड़ेगा। इसलिए हम कर्म सावधानीपूर्वक करें, यह चिंता ना करें कि भगवान ने हमें क्यों जन्म दिया। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

पब्लिश्ड 23 June 2025 at 18:05 IST