अपडेटेड 14 June 2025 at 18:23 IST

लव हो या अरेंज मैरिज... आजकल शादियों में क्यों आ रही परेशानी? सुनिए क्या बोले प्रेमानंद जी महाराज

आजकल शादी लव हो या अरेंज, लोगों को काफी परेशानी आ रही है। इसे लेकर जब प्रेमानंद जी महाराज से सवाल किया गया, तो सुनिए उनका जवाब क्या था।

Premanand Maharaj
शादियों को लेकर क्या बोले प्रेमानंद जी महाराज? | Image: Premanand Maharaj

भारत की सभ्यता और संस्कृति पाश्चात्य से बिल्कुल अलग रही है। भारत में की संस्कृति सम्मान, भावना और महत्व से भरी हुई है। हालांकि, आज की युवा अपने देश की धरोहर, अपनी संस्कृति को पीछे छोड़कर पाश्चात्य को अपनाते जा रहे हैं। यही कारण है कि आजकल के युवावर्ग की शादी टिक नहीं पाती, या तो लड़ाई-झगड़े खूब होते हैं, या फिर तलाक हो जाता है। फिलहाल में तो नया ट्रेंड लबन गया है कि शादी कर लो और फिर किसी और के लिए अपने ही पति या फिर पत्नी को मौत के घाट उतार दो। इसे लेकर जब सबके चहेते आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज से जब सवाल किया गया, तो सुनिए उन्होंने क्या कहा।

महाराज जी से सवाल किया गया कि महाराज जी आजकल के समय में बच्चे अपनी पसंद से शादी करें या फिर मां-बाप की पसंद से, परिणाम अच्छे नहीं आए।  इसपर प्रेमानंद जी महाराज ने जवाब दिया कि परिणाम अच्छे आएंगे कैसे? आजकल बच्चे और बच्चियों के चरित्र पवित्र नहीं है। जुबान को चार होटल का खाना खाने की आदत पड़ गई है , तो अपने घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा। जब चारप पुरुष ,से मिलने की आदत पड़ गई है, तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी। वैसे ही जब चार लड़कियों से वैभिचार की आदत पड़ गई है, तो अपनी पत्नी से संत्ष्ट नहीं रहेगा, उसे चार से वैभिचार करना पड़ेगा, क्योंकि उसने आदत बना लिया है।

मुगल काल में पवित्रता के लिए दी जान: प्रेमानंद जी महाराज

महाराज जी ने आगे कहा कि 100 में दो-चार कोई कन्याएं ऐसी होंगी, जो अपना पवित्र जीवन रखकर किसी पुरुष को समर्पित होती है। जो चार लड़कों से मिल चुकी हो, वो सच्ची बहू बन जाएगी। जो चार लड़कियों से मिल चुका वो सच्चा पति बन पाएगा। जब मुगलों को आक्रमण हुआ तो पवित्रता के लिए महिलाओं ने जान दे दी, लेकिन अपना शरीर छूने नहीं दिया।  आज वही बच्चे ये सब क्या है, अपने पति के लिए प्राण देने की भावना हमारे देश में रही है, कि हमारी जान चली जाए, मेरे पति का बाल बाका ना हो। 

शादी के बाद तो कम से कम सुधरो- प्रेमानंद जी महाराज

आजकल जिस तरह के मामले आ रहे हैं, उसे लेकर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि आज पतियों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। अपनी पत्नी को प्राण माना गया है। हमारे देश की ये भाषाएं कहां गई? बच्चे-बच्चियां ही पवित्र नहीं हैं। जो बचपने में गलती हो गई सो हो गई, लेकिन शादी होने के बाद तो कम से कम सुधर जाओ।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 14 June 2025 at 18:23 IST