अपडेटेड 20 October 2025 at 10:37 IST

Diwali Aarti 2025: आज शाम दिवाली पूजन के बाद जरूर करें ये विशेष आरती, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा

Diwali Aarti 2025: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद आरती जरूर करने का विधान है। अब ऐसे में आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं दिवाली पूजन के बाद कौन सी आरती करें?

Diwali Aarti 2025
Diwali Aarti 2025 | Image: Freepik
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Diwali Aarti 2025: आज दीपोत्सव का पावन पर्व है। हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाईदूज के साथ होता है। दिवाली के दिन हर घर रोशनी से जगमगा उठता है। इस रात को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि विधि-विधान के साथ इनकी पूजा करने से घर में धन-संपदा आती है और जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहता है। आपको बता दें, दिवाली की शाम को प्रदोषकाल में कुबेर देवता, भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान  है। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में शुभता का आगमन होता है।

आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

दिवाली पूजन के बाद करें मां लक्ष्मी की आरती 

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता | 
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम हीजग माता | 
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
.ॐ जय लक्ष्मी माता....

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दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता | 
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता | 
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

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जिस घर में तुम रहती, सबसद् गुण आता|
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

तुम बिन यज्ञ ना होवे, वस्त्र न कोई पाता |
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरोदधि जाता| 
रत्न चतुर्दश तुम बिन ,कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

महालक्ष्मी जी की आरती ,जो कोई नर गाता | 
उर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....

ये भी पढ़ें - Diwali Maa Lakshmi Puja Muhurat 2025: आज दिवाली के दिन किस मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें?

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता | 
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...

दिवाली पूजन के बाद करें भगवान गणेश की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

आरती के बाद इस मंत्र का जप करें
वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥
गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 20 October 2025 at 10:37 IST