अपडेटेड 21 October 2025 at 16:42 IST
Chhath Puja 2025: नहाय खाय के साथ 25 अक्टूबर से छठ महापर्व की होगी शुरुआत, खरना से पारण तक... किस दिन कौन सी पूजा; पूरा कैलेंडर
Chhath Puja Kab Hai: बिहार वासियों के लिए छठ पूजा किसी महापर्व से कम नहीं होता है। छठ पूजा की तारीख और तिथि को लेकर अगर आप भी असमंजस में फंसे हुए हैं, तो फिर आपको यहां पूरी जानकारी मिलेगी।
- धर्म और अध्यात्म
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Chhath Puja 2025 Date: हर साल कार्तिक मास के षष्ठी तिथि से बिहार का महापर्व यानी छठ पूजा आरंभ होता है और इसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। बिहार-यूपी और दिल्ली में इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू है। महिलाएं सुख-समृद्धि और संतान सुख आदि की प्राप्ति के लिए 36 घंटों तक चलने वाला यह निर्जला व्रत रखती है। इस विशेष मौके पर छठी मइया के साथ-साथ भगवान सूर्य की पूजा होती है। इस महापर्व की शुरुआत नहाय खाय के अगले दिन संध्या सूर्य को अर्ध्य देने के साथ प्रारंभ होता है और अगले दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद समाप्त हो जाता है।
छठ पूजा एक ऐसा पूजा है, जो 4 दिनों तक चलता है। ऐसे में कई लोग कंफ्यूज रहते हैं कि नहाय-खाय, खरना पूजा और सूर्य अर्घ्य किस दिन है। ऐसे में हम आपको खरना से पारण तक, किस दिन कौन सी पूजा है, वो सब कुछ बताने जा रहे हैं।
छठ पूजा की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल छठ पूजा की की शुरुआत 25 अक्टूबर 2025, को नहाय-खाय के साथ शुरू है। दूसरे दिन खरना होगा। खरना के बाद डूबते सूर्य को अर्घ्य और अंत में उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद पूजा की समाप्ति हो जाती है। कुल मिलाकर यह पूजा 4 दिनों के तक चलती है।
नहाया-खाय: 25 अक्टूबर 2025
नहाय-खाय के दिन छठ व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान करती है। इसके बाद घर में चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल बनाया जाता है, जिसे व्रती महिला खाती है। नहाया-खाय प्रक्रिया को छठ पूजा में विशेष माना जाता है। इसका फल भी मिलता है।
खरना: 26 अक्टूबर 2025
छठ के दूसरा दिन खरना को समर्पित है। इस मौके पर व्रती महिलाएं लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर और रोटी बनाती है। प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के बाद महिलाएं अगले 2 दिनों के निर्जला व्रत पर चली जाती जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन छठी माइया का विशेष आशीर्वाद मिलता है और मां घर में विराजमान हो जाती है।
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संध्या अर्ध्य: 27 अक्टूबर 2025
संध्या अर्ध्य छठ पूजा का विशेष दिन होता है। महिलाएं शाम में छठ घाट जाती है और सूर्यास्त के समय नदी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्ध्य देती हैं। अर्घ्य देते समय बांस के सूप में फल-फूल होना शुभ माना जाता है। इससे छठी माइया खूब प्रसन्न होती है और व्रती महिलाओं पर आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
उषा सूर्य अर्ध्य: 28 अक्टूबर 2025
छठ पूजा का अंतिम दिन 28 अक्टूबर 2025 को है। इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले नदी में खड़ी हो जाती है और जैसे ही सूर्योदय का समय होता है, सूप में फल-फूल लेकर भगवान सूर्य को अर्ध्य देती है। अर्ध्य देने और पूजा-पाठ करने के बाद व्रती प्रसाद खाकर व्रत को तोड़ती है।
नोट: उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद नहाय खाय से लेकर खरना, संध्या अर्ध्य, उषा सूर्य अर्ध्य यानी पारण तक सभी तारीख और अन्य चीजें मालूम चल गई होगी।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sahitya Maurya
पब्लिश्ड 21 October 2025 at 16:34 IST