अपडेटेड 28 October 2025 at 06:59 IST
Chhath Puja Usha Arghya Time 2025 : उगते सूर्य को छठ व्रतियों ने दी उषा अर्घ्य, दिल्ली के वसुदेव घाट पर प्रधानमंत्री मोदी भी करेंगे छठ पूजा
Chhath Puja Usha Arghya Time 2025: आज छठ महापर्व का आखिरी दिन है। इस दिन सूर्यदेव को उषा अर्घ्य देने के बाद इसका समापन हो जाएगा। इस मौके पर पीएम मोदी भी दिल्ली के वसुदेव घाट पर छठ पूजा करेंगे।
- धर्म और अध्यात्म
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Chhath Puja Usha Arghya Time 2025: आज छठ महापर्व का चौथा दिन दिन है। इस दिन सूर्यदेव को उषा अर्घ्य देने के बाद इसका समापन हो जाएगा। इस साल छठ महापर्व का आखिरी दिन 28 अक्टूबर मंगलवार को है। इस दिन सभी व्रती नदी या घाट पर जाते हैं और खड़े होकर उगते सूर्य को कच्चे दूध या गंगाजल से अर्घ्य देते हैं। इस पूजा में बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना, धूप, अगरबत्ती, हल्दी और कई अन्य सामग्री रखी जाती है।
ऐसी मान्यता है कि जो व्रती इस व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और संतान की इच्छा रखने वालों को संतान सुख का आशीर्वाद भी मिलता है। छठ पूजा के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह वसुदेव घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
दिल्ली के वसुदेव घाट पर प्रधानमंत्री मोदी भी करेंगे छठ पूजा
इस बार दिल्ली में छठ महापर्व का उल्लास खास होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह वासुदेव घाट पर छठ पूजा में शामिल हो सकते हैं। पीएम मोदी इस दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे, जिसे 'उषा अर्घ्य' भी कहते हैं। दिल्ली में यह पहला मौका होगा जब कोई प्रधानमंत्री छठ पूजा में हिस्सा लेंगे।
इस खास मौके पर उनके साथ उपराज्यपाल बीके सक्सेना, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अलावा केंद्र सरकार के कई मंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
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छठ व्रतियों ने दिया उषा अर्घ्य
छठ व्रतियों ने उषा अर्घ्य दिया। सूर्य उपासना के महापर्व छठ का आज अंतिम दिन है। छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का पारण किया।
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छठ व्रत का पारण
छठ महापर्व के चौथे और अंतिम दिन आज इस कठिन व्रत का पारण होता है। लगातार 36 घंटे तक निर्जल व्रत करने वाला साधक, सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को 'उषा अर्घ्य' अर्पित करता है। उषा अर्घ्य देने के बाद, व्रती सबसे पहले पवित्र जल ग्रहण करके अपने व्रत को खोलता है। इसके बाद, प्रसाद के रूप में ठेकुआ, खीर, फल और अन्य पकवानों का सेवन किया जाता है। व्रत के पारण के साथ ही, चार दिनों तक चलने वाला यह आलौकिक व्रत पूर्ण होता है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 28 October 2025 at 06:59 IST