अपडेटेड 15 May 2025 at 15:41 IST
Chanakya Niti: किन दुखों का भार नहीं उठा पाता व्यक्ति? टूट जाता है इंसान
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे दुखों का जिक्र किया है जो व्यक्ति के मन को खराब कर सकते हैं। जानते हैं उनके बारे में...
- धर्म और अध्यात्म
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Chanakya Niti in Hindi: जीवन में सुख और दुख दोनों ही आते ही हैं। ऐसे में लोग सुख के समय को आनंद के साथ बिताते हैं लेकिन दुख के समय में टूट जाते हैं। आचार्य चाणक्य ने भी कुछ ऐसे ही दुखो का जिक्र किया है जो न केवल व्यक्ति को अंदर से तोड़ देते हैं बल्कि उनका मनोबल भी गिराते हैं। ऐसे में लोगों को इन दुखों के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी कौन से दुख हैं जो व्यक्ति को तोड़ देते हैं। पढ़ते हैं आगे…
आचार्य चाणक्य की जरूरी बातें
कांतावियोग स्वजनापमानो ऋणस्य शेष: कुनृपस्य सेवा।
दरिद्रभावो विषया सभा च विनाग्निमेते प्रदहन्ति कायम् । ।
- आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक के आधार पर बताया है कि एक व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा दुख होता है अपनी पत्नी को खो देना या अपने प्रिय से अलग हो जाना। इससे बड़ा दुख उसके लिए कुछ नहीं है। इस दुख को कोई नहीं समझ सकता।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति अपनों द्वारा अपमानित होता है या अपनों को शब्द उसे बेचैन कर देते हैं वो भी बड़ा दुख है। ऐसे में अपनों द्वारा कही गई कटु बातें व्यक्ति को कष्ट पहुंचा सकती हैं।
- आचार्य के अनुसार, व्यक्ति जब कर्ज के बोझ से घिरा होता है तो वो दुख भी बेहद बड़ा होता है। खासकर तब जब व्यक्ति समय पर उस कर्ज को नहीं लौटा पाता।
- जब कोई व्यक्ति किसी बेईमान इंसान के साथ कार्य करता है तो या वह अच्छे आचरण वाला नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में भी बेहद दुख होता है।
- आचार्य चाणक्य ने बताया है कि गरीबी भी सबसे बड़ा दुख है। ऐसे में गरीब व्यक्ति न केवल संघर्ष करता है बल्कि मानसिक प्रताड़ना भी सहता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 15 May 2025 at 15:41 IST