अपडेटेड 5 April 2025 at 11:07 IST
Maa Mahagauri Chalisa: महाष्टमी पर जरूर करें मां महागौरी की इस चालीसा का पाठ, खुशियों से भर जाएगी झोली; मिलेगा आशीर्वाद
Mahagauri Chalisa: अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी की पूजा करते समय आपको उनकी इस चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Chaitra Navratri 2025 Mahagauri Chalisa: सनातन धर्म में नवरात्रि का बेहद खास महत्व होता है। साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है जिसमें से साल की शुरुआत में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) और साल के आखिर में शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। आज यानी शनिवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन यानी अष्टमी तिथि (Ashtami 2025) है। इस दिन को महाष्टमी (Mahashtami) भी कहा जाता है।
महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा किए जाने का विधान है। इस दिन मां महागौरी को प्रसन्न करने के लिए लोग विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे में अगर आप भी मां महागौरी की कृपा पाना चाहते हैं तो आप पूजा करते समय उनकी इस चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
महागौरी चालीसा (Mahagauri Chalisa)
मन मंदिर मेरे आन बसो,आरंभ करूं गुणगान,
गौरी मां मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।
पूजन विधि न जानती, पर श्रद्धा है आपर,
प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे मा प्राण आधार।
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नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता,
शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।
आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,
महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।
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सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मों से कभी हटु ना,
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।
हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो,
मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेहा मै पायु।
परम आराध्या आप हो मेरी, फ़िर क्यूं वर मे इतनी देरी,
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोड़े में बरकत भर दीजियो।
अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना,
गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।
देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर मै पाते,
श्रद्धा भाव जो ले कर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।
हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा,
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।
शिव भी आपका काहा ना टाले, दया द्रष्टि हम पे डाले,
जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।
सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती,
दया द्रष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।
जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,
जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।
सता गुन की हो दता आप, हर इक मन की ग्याता आप,
काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेशा।
दुख संताप मिटा देना मां, मेघ दया के बरसा देना मां,
जबही आप मौज में आय, हठ जय मां सब विपदाएं।
जीसपे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,
फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।
अवगुन मेरे ढक देना मां, ममता आंचल कर देना मां,
कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।
बिन पाऊ न गुन मां तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,
जितने आपके पावन धाम, सब धामो को माँ प्राणम।
आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार,
निर्मल मन जो शरण मे आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।
संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को मां संभव कर दो,
आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।
अपकी महिमा अति निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली,
मनोकामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।
चालीसा जो भी पढे-सुनाया, सुयोग्य वर वरदान मे पाए,
आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।
गौरी मां विनती करूं, आना आपके द्वार,
ऐसी मां कृपा किजिए, हो जाए उद्धहार।
हीं हीं हीं शरण मे, दो चरणों का ध्यान,
ऐसी मां कृपा कीजिए, पाऊं मान सम्मान।
महागौरी स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु, माँ महागौरी रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 5 April 2025 at 11:07 IST