अपडेटेड 5 April 2025 at 08:19 IST
Navratri 2025 Ashtami Puja Muhurat: महाअष्टमी आज, जानिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि
Chaitra Navratri 2025: देशभर में आज महाष्टमी मनाई जा रही है। आइए जानते हैं कि आज कन्या पूजन के लिए कौन सा मुहूर्त ठीक रहेगा।
- धर्म और अध्यात्म
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Chaitra Navratri Ashtami 2025: आज यानी शनिवार, 5 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। नवरात्रि में इस दिन का काफी महत्व माना जाता है। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। ऐसे में कुछ लोग नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं और इसके बाद व्रत का पारण करते हैं।
कहते हैं नवरात्रि का व्रत बिना कन्या पूजन के पूरा नहीं माना जाता है। इसलिए आइए जानते हैं कि महाष्टमी के दिन आप किस मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं और इसकी विधि क्या होगी।
चैत्र नवरात्र महाअष्टमी शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri Ashtami 2025 Kanya Pujan)
हिंदू पंचांग के अुनसार, चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 4 अप्रैल रात 8 बजकर 12 मिनट से शुरू हो चुकी है जिसका समापन 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगा। इसके बाद ही नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। ऐसे में जो लोग अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने वाले हैं उनके लिए 5 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक शुभ समय रहेगा। आप इस मुहूर्त में कभी भी कन्या पूजन कर सकते हैं।
कन्या पूजन करने के नियम (Navratri 2024 Kanya Pujan Niyam)
- कन्या पूजन करने के लिए आपको कन्याओं के घर जाकर सम्मान के साथ उन्हें कन्या भोज के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
- ध्यान रहे कि आपको नौ कन्याओं समेत एक बालक को कन्या पूजन के लिए आमंत्रित करना है, जिन्हें भैरव भैया माना जाता है।
- जब ये कन्याएं कन्या पूजन के दिन घर पर पधारती हैं, तो आपको सबसे पहले दूध या पानी से उनके हाथ और पैरो को धोना है।
- इसके बाद आप कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
- इसके बाद कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बिठाएं।
- अब कन्याओं को तिलक और अक्षत लगाएं। फिर उनके हाथों में कलावा बांधें।
- इसके बाद आप इन कन्याओं की आरती करें। आरती करने के बाद आप कन्याओं के समक्ष भोजन परोसें।
- अब माता रानी का नाम लेकर कन्याओं को भोजन का सेवन करने के लिए अनुरोध करें।
- इस बीच यदि किसी कन्या की थाली में भोजन खत्म हो जाता है तो पुनः उनकी थाली में भोजन परोसें।
- कन्याओं के भोजन करने के बाद उन्हें उपहार भेंट करें।
- अब उनकी विदाई करते समय कन्याओं और एक बालक से अपनी भूलचूक की क्षमा मांगे।
- इसके बाद उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
- इन सब नियमों को करने के बाद ही नवरात्रि कन्या पूजन पूर्ण माना जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 5 April 2025 at 08:19 IST