अपडेटेड May 4th 2025, 08:56 IST
Bhanu Saptami 2025: पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के मौके पर भानु सप्तमी (Bhanu Saptami 2025) मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा और गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा होती है। इस महीने भानु सप्तमी आज यानी रविवार, 4 मई को मनाई जा रही है। मान्यता है कि आज के दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद मां गंगा की पूजा करने से सभी पापों को नाश हो जाता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
ऐसे में गंगा स्नान करने के बाद मां गंगा और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते समय आपको मां गंगा के 108 नामों के मंत्रों का करना चाहिए। इससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और आप मानसिक व शारीरिक कष्टों से दूर रहेंगे। आइए जानते हैं इन नामों के मंत्रों के बारे में।
ॐ गंगायै नमः
ॐ विष्णुपादसंभूतायै नमः
ॐ हरवल्लभायै नमः
ॐ हिमाचलेन्द्रतनयायै नमः
ॐ गिरिमण्डलगामिन्यै नमः
ॐ तारकारातिजनन्यै नमः
ॐ ओंकाररूपिण्यै नमः
ॐ अनलायै नमः
ॐ क्रीडाकल्लोलकारिण्यै नमः
ॐ स्वर्गसोपानशरण्यै नमः
ॐ सर्वदेवस्वरूपिण्यै नमः
ॐ अंबःप्रदायै नमः
ॐ सगरात्मजतारकायै नमः
ॐ सरस्वतीसमयुक्तायै नमः
ॐ सुघोषायै नमः
ॐ सिन्धुगामिन्यै नमः
ॐ भागीरत्यै नमः
ॐ भाग्यवत्यै नमः
ॐ भगीरतरथानुगायै नमः
ॐ त्रिविक्रमपदोद्भूतायै नमः
ॐ त्रिलोकपथगामिन्यै नमः
ॐ क्षीरशुभ्रायै नमः
ॐ नरकभीतिहृते नमः
ॐ अव्ययायै नमः
ॐ नयनानन्ददायिन्यै नमः
ॐ नगपुत्रिकायै नमः
ॐ निरञ्जनायै नमः
ॐ नित्यशुद्धायै नमः
ॐ उमासपत्न्यै नमः
ॐ शुभ्राङ्गायै नमः
ॐ श्रीमत्यै नमः
ॐ धवलांबरायै नमः
ॐ आखण्डलवनवासायै नमः
ॐ कंठेन्दुकृतशेकरायै नमः
ॐ अमृताकारसलिलायै नमः
ॐ लीलालिंगितपर्वतायै नमः
ॐ विरिञ्चिकलशावासायै नमः
ॐ त्रिवेण्यै नमः
ॐ पुरातनायै नमः
ॐ पुण्यायै नमः
ॐ पुण्यदायै नमः
ॐ पुण्यवाहिन्यै नमः
ॐ पुलोमजार्चितायै नमः
ॐ भूदायै नमः
ॐ पूतत्रिभुवनायै नमः
ॐ जयायै नमः
ॐ जंगमायै नमः
ॐ जंगमाधारायै नमः
ॐ जलरूपायै नमः
ॐ जगद्धात्र्यै नमः
ॐ जगद्भूतायै नमः
ॐ जनार्चितायै नमः
ॐ जह्नुपुत्र्यै नमः
ॐ नीरजालिपरिष्कृतायै नमः
ॐ सावित्र्यै नमः
ॐ सलिलावासायै नमः
ॐ सागरांबुसमेधिन्यै नमः
ॐ रम्यायै नमः
ॐ बिन्दुसरसे नमः
ॐ अव्यक्तायै नमः
ॐ अव्यक्तरूपधृते नमः
ॐ जगन्मात्रे नमः
ॐ त्रिगुणात्मकायै नमः
ॐ संगत अघौघशमन्यै नमः
ॐ भीतिहर्त्रे नमः
ॐ शंखदुंदुभिनिस्वनायै नमः
ॐ भाग्यदायिन्यै नमः
ॐ नन्दिन्यै नमः
ॐ शीघ्रगायै नमः
ॐ शरण्यै नमः
ॐ शशिशेकरायै नमः
ॐ शाङ्कर्यै नमः
ॐ शफरीपूर्णायै नमः
ॐ भर्गमूर्धकृतालयायै नमः
ॐ भवप्रियायै नमः ।
ॐ सत्यसन्धप्रियायै नमः
ॐ हंसस्वरूपिण्यै नमः
ॐ भगीरतभृतायै नमः
ॐ अनन्तायै नमः
ॐ शरच्चन्द्रनिभाननायै नमः
ॐ दुःखहन्त्र्यैनमः
ॐ शान्तिसन्तानकारिण्यै नमः
ॐ दारिद्र्यहन्त्र्यै नमः
ॐ शिवदायै नमः
ॐ संसारविषनाशिन्यै नमः
ॐ प्रयागनिलयायै नमः
ॐ श्रीदायै नमः
ॐ तापत्रयविमोचिन्यै नमः
ॐ शरणागतदीनार्तपरित्राणायै नमः
ॐ सुमुक्तिदायै नमः
ॐ पापहन्त्र्यै नमः
ॐ पावनाङ्गायै नमः
ॐ परब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः
ॐ पूर्णायै नमः
ॐ जंभूद्वीपविहारिण्यै नमः
ॐ भवपत्न्यै नमः
ॐ भीष्ममात्रे नमः
ॐ सिक्तायै नमः
ॐ रम्यरूपधृते नमः
ॐ उमासहोदर्यै नमः
ॐ बहुक्षीरायै नमः
ॐ क्षीरवृक्षसमाकुलायै नमः
ॐ त्रिलोचनजटावासायै नमः
ॐ ऋणत्रयविमोचिन्यै नमः
ॐ त्रिपुरारिशिरःचूडायै नमः
ॐ जाह्नव्यै नमः
ॐ अज्ञानतिमिरापहृते नमः
ॐ शुभायै नमः
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
पब्लिश्ड May 4th 2025, 08:56 IST