अपडेटेड 6 July 2025 at 17:28 IST

Premanand Maharaj: विदेश जाने से पहले सुन लें प्रेमानंद महाराज के ये विचार, कभी कम नहीं होगा देश प्रेम

Premanand Maharaj: एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया अगर उन्नति के लिए मुझे विदेश में नौकरी मिले तो क्या मुझे जाना चाहिए? आईए जानते हैं सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?

Premanand Maharaj
Premanand Maharaj | Image: Premanand Maharaj

Premanand Maharaj : प्रेमानंद महाराज के प्रवचन आज हर घर में गूंज रहे हैं। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को लेकर आज लोगों में अलग ही दीवानगी है। राधा नाम का आश्रय लेकर जीवन जीने वाले प्रेमानंद महाराज लोगों को जीवन जीने के तरीकों के बारे में बताते हैं। भक्ति मार्ग में लोगों को आगे बढ़ते हैं।

प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के जरिए लोगों के हृदय में परिवर्तन करने का काम करते हैं और उन्हें अच्छे मार्ग पर लाने का प्रयास करते हैं। लोग अपनी समस्याओं को लेकर प्रेमानंद महाराज के पास आते हैं और प्रेमानंद महाराज आध्यात्मिक ढंग से सांसारिक समस्याओं का समाधान करते हैं और लोगों को भक्ति मार्ग की ओर आगे बढ़ते हैं। प्रेमानंद के महाराज के प्रवचनों से लाखों लोगों के जीवन में सुधार आया है और वह जीवन में आध्यात्मिक उन्नति की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

विदेश में नौकरी मिले तो क्या मुझे जाना चाहिए?

एकांतिक वार्ता के दौरान एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया अगर उन्नति के लिए मुझे विदेश में नौकरी मिले तो क्या मुझे जाना चाहिए? आईए जानते हैं सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?

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विदेश में नौकरी करनी चाहिए लेकिन देश को नहीं भूलना चाहिए- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि आपको चले जाना चाहिए। लेकिन, अगर जो एक बार गया और फिर वह वापस ही ना आए फिर क्या करें? इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा यह बात तो हमें कम अच्छी लगती है। हम जाएं लेकिन अपने देश के लिए सीख कर आए और अपने देश की उन्नति करें। अपने देश को पढ़ाया दिखाएं, अपने देश की सेवा करें। ऐसा नहीं होना चाहिए कि वहां अच्छा पैसा मिल गया तो वहीं रहने लगे। हमें लगता है कि हम भारतीय हैं. हम जाएं कहीं भी लेकिन अपने देश से प्यार करते हैं। जैसे हम अपनी मां से प्यार करते हैं, वैसे ही भारत माता से प्यार करते हैं, हमें अपने ही देश में आना चाहिए, अपने देश का विकास करना चाहिए।

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विदेश के गुण लेकर देश का विकास करें- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगर हम अपनी संस्कृति का विकास या प्रचार दूसरे देश में कर सकते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है लेकिन इसका ध्यान रखना चाहिए कि उनकी संस्कृति हमारे अंदर ना आ जाए। हमारी संस्कृति उनके अंदर चली जाए, तब तो बहुत अच्छी बात है। गुण-दोष सब जगह होते हैं। विदेश के अवगुण नहीं लेने चाहिए। व्यभिचार, मास, मदिरा यह सब नहीं लेना चाहिए। हमको उनके गुण लेने चाहिए, उनकी योग्यताएं लेनी चाहिए, अपने देश में जाकर उसका विकास करना चाहिए। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 6 July 2025 at 17:28 IST