अपडेटेड 20 August 2024 at 13:38 IST

Arjuna: अर्जुन ने क्यों लिया महिला का रूप? पढ़ें महाभारत काल की दिलचस्प कहानी...

Who is Brihannala? क्या आप जानते हैं महाभारत काल में अर्जुन को महिला का रूप लेना पड़ा था जानते हैं। उसके पीछे की कहानी के बारे में...

arjun female name in mahabharata
arjun female name in mahabharata | Image: social media

What is the female version of Arjun? महाभारत काल में कई ऐसी कथाएं हैं, जिनका वर्णन अक्सर आपने देखा और सुना होगा। उन्हीं कथाओं में से एक है अर्जुन का स्त्री रूप लेना। जी हां, कुछ कथाएं कहती हैं जिसके अनुसार, एक बार अर्जुन को स्त्री का रूप लेना पड़ा था। जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी के बारे में… 

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अर्जुन ने स्त्री रूप क्यों लिया था। पढ़ते हैं आगे… 

अर्जुन महिला क्यों बने? (Why did Arjun become female?)

पद्म पुराण के अनुसार, एक बार अर्जुन यह पता करना चाहते थे कि श्री कृष्ण की कितनी गोपिया हैं और वह दिखने में कैसी हैं? उनका पहनावा कैसा है? वह कहां रासलीला करती हैं और कहां रहती हैं और कैसे समय बिताती हैं? जब श्री कृष्ण ने इस राज को नहीं खोला तो अर्जुन ने उनके पांव पकड़ लिए। तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को त्रिपुरसुंदरी के पास भेजा। त्रिपुरसुंदरी से ही सृष्टि की रचना भी हुई है। 

उन्होंने अर्जुन से एक कठिन पूजा करवाई। फिर उनसे तालाब में डुबकी भी लगवाई। जब अर्जुन डुबकी लगाने के बाद बाहर निकाल कर आए तो उन्होंने अर्जुनी का रूप ले लिया और वह ऊपर से नीचे तक गोपी बनकर बाहर आए। उन्होंने इस संसार को एक अलग नजरिया से देखना शुरू कर दिया। तब अर्जुन की मुलाकात गोपियों से हुई और उन्होंने भी कृष्ण की लीला का आनंद उठाया। यह वो समय था जब अर्जुन स्त्री रूप में संसार को देख रहे थे। 

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इससे अलग एक और घटना है जिसके मुताबिक, श्री कृष्ण को अर्जुन का श्राप लगा था, जिसके कारण उन्हें महिला का रूप लेना पड़ा था। अर्जुन को अप्सरा उर्वशी का श्राप मिला था। कहते हैं कि उर्वशी को अर्जुन बेहद पसंद थे और उन्हें प्रेमी रूप को स्वीकार करने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन अर्जुन ने मना कर दिया क्योंकि उन्होंने कहा कि उर्वशी मनुष्य अवतार में उनके पूर्वक पुरुरवा की पत्नी थी इसलिए वह उनकी माता के समान है। ऐसे में उर्वशी के लाख मनाने के बाद भी अर्जुन नहीं माने तो उर्वशी ने उन्हें श्राप दे दिया कि तुम्हें भी महिला के बीच में महिला बनकर ही रहना पड़ेगा। तब यह श्राप अर्जुन ने अज्ञातवास के दौरान इस्तेमाल किया था।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 20 August 2024 at 13:38 IST