अपडेटेड 6 July 2024 at 07:12 IST
Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ गुफा का नाम अमरनाथ ही क्यों पड़ा? पढ़ें प्रचलित कथा
Amarnath Yatra 2024: आखिर अमरनाथ गुफा को अमरनाथ क्यों कहते हैं और कबूतर के जोड़े का क्या रहस्य है जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
- धर्म और अध्यात्म
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Amarnath Temple Story in Hindi: अमरनाथ गुफा के लिए यात्रा शुरू हो गई है। कठिन रास्तों से गुजरते श्रद्धालुओं में उत्साह बाबा बर्फानी के दर्शन करने का है। अमरनाथ की गुफा में बाबा बर्फानी के अलावा कबूतर के जोड़े को देखने का भी दावा श्रद्धालु करते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अमरनाथ की गुफा का नाम अमरनाथ ही क्यों पड़ा, इसके पीछे क्या रहस्य है और श्रद्धालु गुफा में कबूतर के जोड़े का जिक्र क्यों करते हैं।
आज का हमारा लेख उन्हीं कुछ सवालों पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अमरनाथ गुफा का नाम अमरनाथ क्यों पड़ा और उन कबूतर के जोड़े का क्या रहस्य है। पढ़ते हैं आगे...
अमरनाथ का नाम अमरनाथ क्यों पड़ा?
मान्यता है कि एक बार पार्वती मां भगवान ने शिव से अमृत कथा जानने की इच्छा जताई। तब भगवान शिव ने माता पार्वती को उस गुफा में अमृत कथा सुनाई। कहते हैं वह कथा माता पार्वती के अलावा कबूतर के जोड़े ने भी सुनी थी इसलिए वह अमर हो गए और उस गुफा का नाम कथा के साक्षी होने के कारण अमरनाथ पड़ा। श्रद्धालु दावा करते हैं कि आज भी उस गुफा में कबूतर के जोड़े के दर्शन होते हैं।
मान्यता है कि भगवान शिव ने उस गुफा में प्रवेश करने से पहले नंदी, मां गंगा, चंद्रमा आदि का त्याग किया था। वहीं महागुण पर्वत पर भगवान गणेश को बैठाया था, जिससे गुफा में कोई अन्य प्रवेश न कर सके। उसके बाद भगवान शिव ने नंदी का त्याग किया, जिसका नाम पड़ा पहलगांव। वहीं उन्होंने जहां चंद्रमा का त्याग किया, उसका नाम पड़ा चंदनवाड़ी, जहां उन्होंने सर्प का त्याग किया, उसका नाम पड़ा शेषनाग और अपनी जटाओं से मां गंगा का त्याग किया, उसका नाम पड़ा पंचतरणी। इस तरह भगवान शिव ने अमरनाथ की गुफा में प्रवेश किया।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 6 July 2024 at 07:12 IST