अपडेटेड 23 October 2024 at 13:55 IST

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी पर पढ़ें स्तुति, मिलेगा मां का आशीर्वाद

Ahoi Ashtami Vrat 2024: अहोई अष्टमी का व्रत महिलाओं के लिए मुहत्वपूर्ण होता है। ऐसे में इस दिन यदि व्रत रखा जाए तो संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

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maa parwati | Image: Freepik

Ahoi Ashtami Vrat 2024: अहोई अष्टमी का पर्व हर साल की तरह इस साल भी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जा रहा है। बता दें कि इस दिन महिलाएं संतान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और मां पार्वती के स्वरूप अहोई मां की पूजा अर्चना भी करती हैं। वहीं महिलाएं इस दिन रात के समय चांद और तारों की अराधना भी करती हैं। इसके बाद पारण कर व्रत खोला जाता है। लेकिन यदि आप अहोई अष्टमी की पूजा से माता को प्रसन्न करना चाहती हैं तो यहां दिए गए स्तोत्र का पाठ कर सकती हैं।

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अहोई अष्टमी पर पार्वती पंचक स्तोत्र के लिरिक्स क्या हैं। पढ़ते हैं आगे…

अहोई अष्टमी पर पार्वती पंचक स्तोत्र का पाठ

''जानकी उवाच''
शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये।
सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते।।
सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी।
सृष्टिस्थियन्त बीजानां बीजरूपे नमोsस्तु ते।।
हे गौरि पतिमर्मज्ञे पतिव्रतपरायणे।
पतिव्रते पतिरते पतिं देहि नमोsस्तु ते।।
सर्वमंगल मंगल्ये सर्वमंगल संयुते।
सर्वमंगल बीजे च नमस्ते सर्वमंगले।।
सर्वप्रिये सर्वबीजे सर्व अशुभ विनाशिनी।
सर्वेशे सर्वजनके नमस्ते शंकरप्रिये।।
परमात्मस्वरूपे च नित्यरूपे सनातनि।
साकारे च निराकारे सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।
क्षुत् तृष्णेच्छा दया श्रद्धा निद्रा तन्द्रा स्मृति: क्षमा।
एतास्तव कला: सर्वा: नारायणि नमोsस्तु ते।।
लज्जा मेधा तुष्टि पुष्टि शान्ति संपत्ति वृद्धय:।
एतास्त्व कला: सर्वा: सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।
दृष्टादृष्ट स्वरूपे च तयोर्बीज फलप्रदे ।
सर्वानिर्वचनीये च महामाये नमोsस्तु ते।।
शिवे शंकर सौभाग्ययुक्ते सौभाग्यदायिनि।
हरिं कान्तं च सौभाग्यं देहि देवी नमोस्तुते।।

फलश्रुति
स्तोत्रणानेन या: स्तुत्वा समाप्ति दिवसे शिवाम्।
नमन्ति परया भक्त्या ता लभन्ति हरिं पतिम्।।
इह कान्तसुखं भुक्त्वा पतिं प्राप्य परात्परम्।
दिव्यं स्यन्दनमारुह्य यान्त्यन्ते कृष्णसंनिधिम्।।
।।श्री ब्रह्मवैवर्त पुराणे जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।

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गौरी मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः।।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 23 October 2024 at 12:34 IST