अपडेटेड 30 May 2025 at 17:11 IST
PM Modi in Kanpur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं में अक्सर बच्चे अपनी चित्रकला से ध्यान खींचते आए हैं। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी पीएम मोदी की सभा में कुछ ऐसा ही नजारा रहा, जहां 2-3 बच्चे अपनी पेंटिंग के जरिए संदेश लेकर गए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बच्चों की कला को सराहा और उन्हें खत लिखने का वादा भी किया। हालांकि इस बीच एक बच्चा ऐसा नजर आया, जिसके हाथ में पेंटिंग नहीं थी, फिर भी उसने प्रधानमंत्री मोदी समेत सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का तोहफा दिया है, जिसमें कानपुर मेट्रो का विस्तार भी शामिल है। पनकी थर्मल पावर एक्सटेंशन परियोजना, घाटमपुर थर्मल पावर परियोजना, पनकी पावर हाउस रेलवे क्रॉसिंग, पनकी धाम क्रॉसिंग पर रेल ओवर ब्रिज, कानपुर के बिंगवान में उपचार संयंत्र और सड़कों के चौड़ीकरण की परियोजनाओं की शुरुआत की गई। उसके अलावा यमुना एक्सप्रेसवे के जुड़े प्रोजेक्ट में 220 केवी सबस्टेशन की आधारशिला, ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-8 और इकोटेक-10 में 320 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले 132 केवी सबस्टेशन का उद्घाटन किया गया।
कानपुर में तमाम प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास और उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया। हालांकि पीएम मोदी के भाषण की शुरुआत में ही सबका ध्यान बच्चों ने अपनी ओर खींचा। प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे बच्चों के हाथों से बनी पेंटिंग को अपने सुरक्षाकर्मियों से मंगवाया और उसके साथ बच्चों को चिट्ठी लिखने की बात कही। यहां एक छोटा बच्चा हाथ हिलाते हुए प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन कर रहा था। वो बच्चा लगातार अपने हाथ हिला रहा था, जिसे देखकर पीएम मोदी को कहना पड़ा कि 'तेरे कंधे पर दर्द होगा आज।' इस पर बच्चे का रिएक्शन भी दिलचस्प रहा। वो अपने हाथों से इशारा कर रहा था कि दर्द नहीं होगा और फिर वो बच्चा अपने दोनों हाथों को हिलाकर पीएम मोदी का अभिवादन करने लगा। इसी को लेकर ये बच्चा चर्चा में आया है।
रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि वो डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता में बड़ी भूमिका निभा रहा है। जैसे कानपुर में पुरानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, ऐसी 7 ऑर्डिनेंस फैक्टियों को हमने बड़ी आधुनिक कंपनियों में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि एक समय जहां से पारंपरिक उद्योग पलायन कर रहे थे। वहां अब डिफेंस सेक्टर की बड़ी कंपनियां आ रही हैं। यहां पास में ही अमेठी में AK203 राइफल का निर्माण शुरू हो चुका है और ऑपरेशन सिंदूर में जिस ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मनों को सोने नहीं दिया, उस ब्रह्मोस मिसाइल का भी नया पता उत्तर प्रदेश है।
पब्लिश्ड 30 May 2025 at 16:25 IST