अपडेटेड 16 March 2025 at 23:34 IST
ट्रंप से गहरी दोस्ती तो भारत-चीन में बुद्ध का कनेक्शन... पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने पाकिस्तान की फिर लगाई क्लास
PM मोदी ने 3 घंटे के पॉडकास्ट में भारत और चीन के बीच बुद्ध के कनेक्शन से लेकर ट्रंप के साथ अपनी गहरी दोस्ती पर बात की। इसके साथ ही पाकिस्तान की क्लास लगा दी।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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PM Modi Podcast: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ अपने बचपन के साथ-साथ ग्लोबल पॉलीटिक्स, जीवनशैली से लेकर अन्य कई पहलुओं पर तीन घंटे लंबी बातचीत की। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गहरी दोस्ती से लेकर चीन के साथ भारत का बुद्ध कनेक्शन का भी जिक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की जमकर क्लास लगा दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती को लेकर कहा, "ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम आयोजित किया गया था... स्टेडियम भारतीय समुदाय के समर्थकों से भरा हुआ था... हम दोनों ने भाषण दिया और उन्होंने मुझे बोलते हुए सुना। मैं मंच पर था और वे नीचे थे। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति होने के बावजूद यह उनकी उदारता है... जब मैं उनके साथ वहां गया, तो मैंने उनसे पूछा कि क्या वे मेरे साथ स्टेडियम का चक्कर लगाएंगे। हम सभी अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा ग्रिड और प्रोटोकॉल को जानते हैं, लेकिन वे तुरंत सहमत हो गए। कुछ ही क्षणों में उनकी सुरक्षा व्यवस्था गड़बड़ा गई। यह मेरे लिए एक मार्मिक क्षण था और मैंने खुद से सोचा कि इस व्यक्ति में हिम्मत है। वह अपना फैसला खुद लेते हैं।"
ट्रंप US फर्स्ट की और मैं भारत फर्स्ट की बात करता: PM मोदी
पीएम मोदी ने आगे बताया कि दूसरा, उन्हें मुझ पर भरोसा था और वह मेरे साथ आये। हमारे बीच आपसी विश्वास की यह भावना बहुत मजबूत है और मुझे उस दिन इसका एहसास हुआ, जब उनके चुनाव प्रचार के दौरान उन पर गोली चलाई गई, तो मैं केवल राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में सोच सकता था और उनकी तस्वीर देख सकता था जो उस भीड़ भरे ह्यूस्टन स्टेडियम में मेरे साथ चले थे और अमेरिका के लिए जीने का उनका दृढ़ संकल्प और मजबूत हुआ। वह अमेरिका फर्स्ट की बात करते हैं और मैं भारत फर्स्ट की बात करता हूं, इसलिए हमारे बीच अच्छा सौहार्द है।"
चीन और भारत के बुद्ध कनेक्शन पर क्या बोले पीएम मोदी?
चीन और भारत के बीच रिश्ते को लेकर पीएम मोदी ने कहा, "पहले के सदियों में हमारे और चीन के बीच संघर्ष का कोई इतिहास नहीं मिलता है। हमेशा हम दोनों देश एक-दूसरे से सीखते रहते थे। किसी जमाने में तो चीन पर बुद्ध का प्रभाव काफी ज्यादा था। यहां से वहां ये विचार गया था। हम चाहते हैं कि भविष्य में भी हमारे संबंध ऐसे ही बने रहें। दो पड़ोसी देश होते हैं तो कुछ न कुछ अंतर होता ही है। एक परिवार में भी बहस होता है। हमारी कोशिश है कि हमारे बीच जो बहस चल रही है वो विवाद में न बदले।"
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भारत-चीन के बीच धीरे-धीरे पुराना विश्वास वापस आएगा: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "चीन के साथ हमारा सीमा विवाद चलता रहता है. साल 2020 में सीमा पर जो घटनाएं घटी, उस वजह से हमारे बीच दूरियां बढ़ गई। अभी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मेरी मुलाकात हुई। उसके बाद से सीमा पर की स्थिति में सुधार हो चुका है। अब सीमा पर 2020 की अपेक्षा बहुत सुधार हुआ है। अब धीरे-धीरे वो पुराना विश्वास वापस आ जाएगा और उसमें समय लगेगा क्योंकि बीच में 5 साल का अंतराल आ गया था।"
पीएम मोदी ने पाकिस्तान की फिर लगाई क्लास
पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में एक बार फिर से पाकिस्तान की क्लास लगा दी। उन्होंने कहा, "2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को विशेष रूप से आमंत्रित किया था और इस बात की उम्मीद थी कि दोनों देश एक नई शुरुआत कर सकते हैं। फिर भी, शांति बहाल करने के हर प्रयास के बदले दुश्मनी और विश्वासघात ही मिला। हम ईमानदारी से उम्मीद करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि आए और वे शांति का रास्ता चुनें। मेरा मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंकी माहौल में रहने से थक चुके होंगे, जहां इस तरह की घटनाओं में मासूम बच्चों तक की हत्या की जाती है और अनगिनत लोगों की जिंदगी बर्बाद हो चुकी है।"
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पाकिस्तान को लेकर उन्होंने आगे कहा कि ऐसा दशकों में कभी भी कूटनीतिक संबंधों में नहीं देखा गया था। जो लोग कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाते थे, वे तब हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि मैंने सभी सार्क (दक्षिण एशियाई राष्ट्रों का समूह) राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने थे।
पाक की विचारधारा समझने की भूल नहीं की जाए: PM मोदी
तीन घंटे से ज्यादा लंबे पॉडकास्ट में कहा, “यह इस बात का सबूत है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आत्मविश्वास से भरी है। इसने दुनिया को शांति और सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में एक स्पष्ट संदेश दिया, लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिले। बार-बार पाकिस्तान उस आतंक के केंद्र के रूप में उभरा है, जिससे न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को भारी पीड़ा का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान के व्यवहार को विचारधारा समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। किस तरह की विचारधारा खून-खराबे और आतंक को पोषित करने पर पनपती है? और हम इस खतरे के अकेले पीड़ित नहीं हैं। दुनिया में जहां भी आतंकी हमला होता है, उसका सुराग किसी न किसी तरह पाकिस्तान की ओर जाता है। उदाहरण के लिए 11 सितंबर के हमलों को ही देखें।”
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 16 March 2025 at 23:23 IST